उद्धव ठाकरे ने कहा, "शिवसैनिकों पर हो रहा हमला बर्दाश्त के बाहर, पुलिस एक्शन ले नहीं तो शिवसैनिक खुद ही निपट लेंगे"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 15, 2022 06:14 PM2022-07-15T18:14:10+5:302022-07-15T18:18:48+5:30

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीते गुरुवार रात भायखला में कुछ अज्ञात हमालवरों के हमले में घायल हुए शिवसैनिक बबन गांवकर से मुलाकात करके कहा कि पुलिस इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करे नहीं तो शिवसैनिक खुद ही निपट लेंगे।

Uddhav Thackeray said, "Attack on Shiv Sainiks is out of tolerance, if police take action otherwise Shiv Sainiks will deal with themselves" | उद्धव ठाकरे ने कहा, "शिवसैनिकों पर हो रहा हमला बर्दाश्त के बाहर, पुलिस एक्शन ले नहीं तो शिवसैनिक खुद ही निपट लेंगे"

फाइल फोटो

Highlightsउद्धव ठाकरे ने कहा शिवसैनिकों पर हमला होगा तो पार्टी उसे किसी पर कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगीगुरुवार की रात भायखला में शिवसैनिक बबन गांवकर को अज्ञात हमलावरों ने घायल कर दिया थाठाकरे ने कहा कि पुलिस निष्पक्ष होकर एक्शन ले, नहीं तो शिवसैनिक खुद ऐसे मामलों से निपट लेंगे

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में शिवसेना कार्यकर्ताओं पर अगर हमलेा किया जाएगा तो उसे पार्टी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।

उद्धव ठाकरे ने यह बात उस संबंध में कही, जिसमें बीते गुरुवार रात भायखला में कुछ अज्ञात हमालवरों ने शिवसेना कार्यकर्ता बबन गांवकर पर हमला किया था। जानकारी मिलने के बाद उद्धव ठाकरे ने स्वयं बबन गावकर से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।

मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा, "शिवसेना कार्यकर्ताओं पर हमला करना या उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करने किसी भी आपराधिक कोशिश को बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर पुलिस दोषियों को सजा नहीं दिला सकती तो शिवसेना कार्यकर्ता खुद ऐसा मामलों से निप लेंगे। पुलिस को राजनीति के प्रभाव से दूर होकर निष्पक्ष तरीके से एक्शन लेना चाहिए।"

मालूम हो कि शिवसेना कार्यकर्ता बबन गावंकर पर जिस भायखला क्षेत्र में हमला हुआ है, वहां से यामिनी जाधव शिवसेना की विधायक हैं, जो इस समय बागी गुट यानी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के पाले में हैं। 

इससे पहले जब सत्ता के लिए शिवसेना में आंतरिक बगावत पूरे चरम पर थी तो कुछ शिवसैनिकों ने कथित तौर पर बागी शिंदे गुट के विधायकों के घरों और दफ्तरों पर हमला किया था और चूंकि उस समय उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार की अगुवाई कर रहे थे। इसलिए शिवसेना और गठबंधन की पार्टी कांग्रेस द्वारा उसे हमला न मानते हुए कहा गया था कि ये शिवसेना के कार्यकर्ताओं का आक्रोश है, जिसे वो बागी या गद्दार शिवसेना विधायकों के खिलाफ प्रदर्शित कर रहे हैं। 

इस बाद तत्कालीन ठाकरे सरकार ने गुवाहाटी में कैंप कर रहे बागी विधायकों के परिजनों की सुरक्षा यह तर्क देते हुए वारस ले ली थी कि सरकार की जिम्मेदारी केवल विधायकों को सुरक्षा देना है, उनके परिजनों को नहीं। बाद में जब इस मामले ने तूल पकड़ा और बागी शिदे गुट ने सीधे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से परिजनों को सुरक्षा देने की अपील की तो राज्यपाल कोश्यारी ने इस मामले में केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर बागी विधायकों के आवास और दफ्तरों पर केंद्रीय सुरक्षा की व्यवस्था की। 

जिसका विरोध करते हुए तत्कालीन ठाकरे सरकार ने इसे राज्य की व्यवस्था में दखलंदाजी मानते हुए कड़ा विरोध जताया था लेकिन केंद्र ने राज्य सरकार की सारी दलीलों को खारिज करते हुए बागी विधायकों के परिजनों की केंद्रीय सुरक्षा बहाल रखी थी।

Web Title: Uddhav Thackeray said, "Attack on Shiv Sainiks is out of tolerance, if police take action otherwise Shiv Sainiks will deal with themselves"

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