उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर किया सीधा हमला, बोले- 'सात बार लगा चुके हैं दिल्ली दरबार में हाजिरी, टेक चुके हैं घुटने'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 14, 2022 02:02 PM2022-08-14T14:02:10+5:302022-08-14T14:06:05+5:30
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भाजपा के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने वाले बागी सीएम एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाया है कि शिंदे ने दिल्ली दरबार के आगे घुटने टेक दिया है।
मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में पार्टी से विद्रोह करके अलग गुट बनाकर सरकार बनाने वाले अपने पूर्व सहयोगी और मौजूद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जमकर निशाना साधा है। महाविकास अघाड़ी सरकार का नेतत्व करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना से बगावत करने वाले और भाजपा के साथ मिलकर ठाकरे को अपदस्थ करने वाले सीएम एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दिल्ली दरबार के आगे घुटने टेक दिये हैं।
ठाकरे ने यह हमला इसलिए किया है क्योंकि 30 जून को महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने अकेले या फिर डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस के साथ दिल्ली का कई बार दौरा किया और उसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया।
संजय राउत के जेल जाने के बाद शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' की कमान थामने वाले उद्धव ठाकरे ने ताजा अंक के संपादकीय में "दिल्ली दरबार" द्वारा महाराष्ट्र के अपमान करने का आरोप लगाया है। अपनी बात को पुष्ट करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आहूत नीति आयोग की बैठक के बाद ग्रुप फोटो का हवाला दिया है, जिसमें सीएम शिंदे पीछे की पंक्ति में खड़े नजर आ रहे हैं।
उद्धव ठाकरे ने सामना में लिखा है, "दिल्लीश्वर ने महाराष्ट्र का अपमान किया क्योंकि प्रधानमंत्री, अन्य मुख्यमंत्रियों और केंद्रीयमंत्रियों के साथ हाथ मिलाते हुए जिस फोटो में दिखाई दे रहे हैं, उसी फोटो में मुख्यमंत्री शिंदे को सबसे आखिर में खड़ा किया गया है।
बीते 9 अगस्त को शिंदे गुट की शिवसेना और भाजपा गठबंधन सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार के अगले दिन सामना में लिखे संपादकीय में ठाकरे ने शिंदे पर दिल्ली दरबार के आगे सात बार "झुकने" का आरोप लगाया है।संपादकीय में शिवाजी महाराज की उस घटना का भी जिक्र किया गया है, जिसमें मुगल बादशाह औरंगजेब ने मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी को 5,000 घोड़ों के सम्मान से सम्मानित सैन्य कमांडरों की पंक्ति में खड़ा किया तो उन्होंने मराठा स्वाभिमान की खातिर औरंगजेब का दरबार छोड़ दिया था।
ठाकरे कहते हैं, "शिवाजी महाराज की यह कहानी मराठों को पीढ़ी दर पीढ़ी तक उनके पुरखों ने पहुंचाई हैं, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस इतिहास को भी कलंकित कर दिया है।"
वहीं 11 अगस्त के 'सामना' के संपादकीय में ठाकरे ने नीतीश कुमार का हवाला देते हुए शिंदे को घेरने का प्रयास किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा शिंदे जिस दिल्ली दरबार के सामने "घुटने मोड़" कर बैठे हैं, बिहार के नीतीश कुमार ने यह दिखा दिया कि वह दिल्ली दरबार के बिना भी अपने बूते पर जीवित रह सकते हैं।
इसके अलावा उद्धव गुट के शिवसेवा ने दिल्ली और केंद्रीय एजेंसियों के दबाव के आगे झुकने के लिए एकनाथ शिंदे समेत सभी शिवसेना के विद्रोही विधायकों की जमकर आलोचना की है।
मालूम हो कि शिवसेना इस समय केवल सामना के जरिये ही नहीं बल्कि सार्वजनिक तौर पर शिंदे की दिल्ली यात्रा को मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही है। शिवसेना का आरोप है कि ऐतिहासिक रूप से देखें तो पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे कभी दिल्ली नहीं गए, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पार्टी के दिग्गज लाल कृष्ण आडवाणी और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता उनसे मिलने के लिए 'मातोश्री' आते थे।
इससे पहले 2019 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी 'मातोश्री' का दौरा किया और उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना और भाजपा को मिलकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने की मुद्दे पर चर्चा की थी।
यहां तक कि उद्धव ठाकरे भी शायद ही कभी दिल्ली गये हों। उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री रहते हुए वे केवल दो बार दिल्ली गए। हालांकि, वहीं वर्तमान सीएम एकनाथ शिंदे अपने अब तक के छोटे से कार्यकाल में सात बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)