देवेंद्र फड़नवीस बोले, उद्धव ठाकरे सरकार का ‘रिमोट कंट्रोल’ एनपीसी के हाथ में और ‘बैटरी’ कांग्रेस के पास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 27, 2020 07:24 PM2020-01-27T19:24:53+5:302020-01-27T19:28:14+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा,‘‘ कोई नहीं जानता कि सरकार कौन चला रहा है। मुख्यमंत्री हैं जिनका रिमोर्ट कंट्रोल किसी और के हाथ में है... रिमोट सिल्वर ओक (राकांपा प्रमुख शरद पवार के मुंबई आवास का नाम) में है और बैटरी दिल्ली में (जहां कांग्रेस नेतृत्व है) है।’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि सरकार का ‘‘रिमोट कंट्रोल’’ राकांपा के हाथ में है और ‘‘बैटरी’’ कांग्रेस के पास।
यहां पर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए फड़नवीस पूर्व सहयोगी शिवसेना पर विचारधारा छोड़ने और सरकार के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एवं कांग्रेस से गठबंधन करने के लिए हमला किया। उन्होंने कहा,‘‘ कोई नहीं जानता कि सरकार कौन चला रहा है। मुख्यमंत्री हैं जिनका रिमोर्ट कंट्रोल किसी और के हाथ में है... रिमोट सिल्वर ओक (राकांपा प्रमुख शरद पवार के मुंबई आवास का नाम) में है और बैटरी दिल्ली में (जहां कांग्रेस नेतृत्व है) है।’’
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री कुछ कहते हैं, सिल्वर ओक कुछ और दिल्ली इनसे कुछ ही अलग ही कहती है।’’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने सबसे बड़ा दल बना भाजपा को जनादेश दिया था लेकिन हमारे साथ चालाकी और धोखा किया गया ताकि हम सरकार नहीं बना सके।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि ठाकरे नीत सरकार ने किसानों को दिए भरोसे को पूरा नहीं किया है और शहरी आधारभूत ढांचे की योजनाएं ठप पड़ गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ इस सरकार की रुचि काम करने में नहीं है... यह काम रोकने में रुचि लेती है।’’
फड़नवीस ने कहा, ‘‘ कुछ लोगों के पास राष्ट्रवाद की विचारधारा थी जो आज बदल गई है। वे कहते हैं कि उनका रंग नहीं बदलेगा लेकिन आज हम देख रहे हैं कि उन्होंने अपना रंग बदल लिया है।’’ उनकी यह टिप्पणी संभवत: उद्धव ठाकरे के उस बयान के संदर्भ में है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने ‘‘भगवा रंग’’ नहीं बदला है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर शिवसेना हिन्दुत्व को लेकर प्रतिबद्ध है तो क्यों नहीं संशोधित नागरिका कानून का समर्थन करती और अपने सहयोगी कांग्रेस द्वारा विनायक दामोदर सावरकर के कथित अपमान पर ताकत दिखाती है।