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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की बीजेपी को दो टूक, कहा- अगर सीएम पद देने के लिए तैयार हैं तो मुझे फोन करें, अन्यथा नहीं

By रामदीप मिश्रा | Updated: November 7, 2019 19:13 IST

मुंबई में गुरुवार को बुलाई गई शिवसेना विधायकों की बैठक में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने गठबंधन तोड़ने का इरादा नहीं किया है, लेकिन बीजेपी से लोकसभा चुनाव के दौरान बराबर की पावर शेयरिंग के किए गए वादे को निभाने की उम्मीद करता हूं।

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र में सत्ता के बंटवारे को लेकर गतिरोध के 14वें दिन भी जारी रहा है। शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।बैठक में उद्धव ने कहा कि शिवसेना स्वाभिमान पार्टी है। वह बीजेपी को किनारे नहीं करना चाहती है।

महाराष्ट्र में सत्ता के बंटवारे को लेकर गतिरोध के 14वें दिन भी जारी रहा है। शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। दोनों पार्टियां चाहती हैं कि सीएम उनका हो। यही वजह है कि शिवसेना और बीजेपी के बीच खटास बढ़ती जा रही है। 

मुंबई में गुरुवार को बुलाई गई शिवसेना विधायकों की बैठक में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उन्होंने कहा कि गठबंधन तोड़ने का इरादा नहीं किया है, लेकिन बीजेपी से लोकसभा चुनाव के दौरान बराबर की पावर शेयरिंग के किए गए वादे को निभाने की उम्मीद करता हूं। मैं चाहता हूं कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने जो वादे किए थे उसे पूरा करे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उद्धव ने बैठक में कहा, अगर बीजेपी लोकसभा चुनाव के दौरान तय कई गई बातों पर सहमत होती तो वह उसके शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा करने के लिए तैयार थे। आगे उन्होंने कहा, 'हम बीजेपी के साथ विचार-विमर्श करने को तैयार है, बशर्ते वे लोकसभा चुनाव के दौरान तय किए गए फैसले से सहमत हों। अगर बीजेपी हमें 2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने का फैसला करती है तो मुझे कॉल कर सकती है,  अन्यथा मुझे कॉल न करें।'

बैठक में उद्धव ने कहा कि शिवसेना स्वाभिमान पार्टी है। वह बीजेपी को किनारे नहीं करना चाहती है। सीएम का बयान पूरी तरह से अनुचित था। यदि वह यह साबित करने की कोशिश कर रहैं है कि हम झूठ बोल रहे थे, तो यह उचित नहीं है। अगर बीजेपी अपने शब्दों पर कायम नहीं रह सकती है तो चर्चा करने का क्या मतलब है। शिवसेना का कहना है कि लोकसभा चुनावों के दौरान समान सत्ता बंटवारे का फैसला हुआ था, जिसमें 2.5 साल की अवधि के लिए मुख्यमंत्री पद का बंटवारा भी शामिल था।

बैठक में शामिल शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा कि जिन विधायकों ने आज बैठक में भाग लिया, उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख जो भी फैसला लेंगे वे उनका समर्थन करेंगे। हमने वर्तमान स्थिति पर निर्णय लेने का फैसाल पार्टी प्रमुख पर छोड़ दिया है।

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