वीडियो: बम धमाके में घायल महिलाओं को नहीं मिली एंबुलेंस, बांस पर लादकर पहुंचाया अस्पताल
By रामदीप मिश्रा | Published: January 9, 2018 08:49 AM2018-01-09T08:49:44+5:302018-01-09T09:04:01+5:30
डीआईजी सुंदरराज ने बताया है कि नक्सली निर्दोष आदिवासी महिलाओं और बच्चों को भी नहीं छोड़ते हैं।
नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के बीजापुर में रविवार (सात जनवरी) दो ग्रामीण महिलाएं आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आ जाने की वजह से घायल हो गईं, वहीं एक जवान डीआरजी का एक जवान भी घायल हो गया। हादसे के बाद इलाके में दहशत का माहौल हो गया। वहीं, घायलों का इलाज के लिए बीजापुर के जिला अस्पताल ले जाया गया हैं, जहां उनका उपचार किया जा रहा है।
सबसे बड़ी बात ये है कि हादसे के बाद घायल हुई महिलाओं को अस्पताल तक ले जाने में परिजनों को समस्या का सामना करना पड़ा। उन्हें जब एंबुलेंस और कोई वाहन नहीं मिला तो बांस पर घायल महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचा। यह वाक्या सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
#WATCH: Two women of Bijapur's Pusnar village, injured in separate IED Blasts in Gangaloor yesterday, carried on make shift palanquins to hospital. 1 District Reserve Guard also injured. #Chhattisgarhpic.twitter.com/HVxMnauMoT
— ANI (@ANI) January 8, 2018
वहीं, डीआईजी सुंदरराज ने बताया है कि नक्सली निर्दोष आदिवासी महिलाओं और बच्चों को भी नहीं छोड़ते हैं। उन निर्दोंष ग्रामीणों को बचाने के लिए सुरक्षाकर्मी अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। पुष्कर में 2 महिलाओं को बचाने के दौरान हमारे जवानों में से एक शंकर फूलसे घायल हो गए। घायल महिलाओं को सुरक्षित रूप से बचाया गया है।
बता दें कि रविवार (सात जनवरी) को गंगालूर थाना इलाके के पुसनार के जंगलों में एक डीआरजी जवान और दो महिलाएं नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आ गए थे। यह ब्लास्ट ऑपरेशन से लौट रहे गश्त पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था। गश्ती दल तो बच गया, लेकिन एक जवान और महिलाएं इसकी चपेट में आ गईं।