जम्मू: जम्मू संभाग के जिला राजोरी के कंडी इलाके में एक सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सेना के दो जवानों की जान चली गई है। सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकी भी मार गिराए गए हैं। भीषण गोलीबारी में चार जवान जख्मी हुए है जिसमें सेना के एक अधिकारी भी शामिल हैं। जम्मू कश्मीर में पिछले 48 घंटों में 6आतंकवादियों को मार गिराया गया है।
राजोरी के कंडी इलाके में सेना ने खुफिया जानकारी मिलने के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया था तभी आतंकियों से आमना-सामना हो गया। सेना की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि एनकाउंटर के दौरान दो जवानों की मौत हो गई। जबकि, एक अधिकारी समेत चार घायल हो गए हैं। सेना ने बताया है कि घायल जवानों को कमांड अस्पताल उधमपुर ले जाया गया है।
सेना ने बताया, "संयुक्त अभियान के दौरान, राजौरी के कंडी जंगल में, आतंकवादियों ने जवाबी कार्रवाई में एक विस्फोटक उपकरण का इस्तेमाल किया। एक अधिकारी सहित चार और सैनिकों के घायल होने के साथ ही सेना के दल के दो जवान हताहत हुए हैं। आसपास से अतिरिक्त टीमों को मुठभेड़ स्थल के लिए भेजा गया है। घायल कर्मियों को उधमपुर के कमांड अस्पताल ले जाया गया है। शुरुआती खबरों के मुताबिक इलाके में आतंकियों का एक समूह मौजूद है। आतंकी गुटों के भी हताहत होने की संभावना है। ऑपरेशन जारी है। आगे के विवरण का पता लगाया जा रहा है।"
रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस इलाके में घने जंगलों में चार से छह आतंकवादियों के सक्रिय रूप से मौजूद होने की सूचना थी। इनकी धरपकड़ करने के लिए बड़े पैमाने पर चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान ही ये घटना हुई।
इससे पहले गुरूवार, 4 मई की सुबह सुरक्षाबलों ने बारामुला में वनिगम पायीन क्रेरी इलाके में दो आतंकियों को ढेर कर उनसे गोला बारूद और हथियार बरामद किए थे। जबकि 48 घंटे पहले मच्छेल सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश करने वाले दो आतंकियों को ढेर किया गया था। दोनों घुसपैठिए पाकिस्तानी नागरिक थे और बारामुल्ला में मारे जाने वाले स्थानीय नागरिक थे। 4 मई की रात को आतंकियों ने अनंतनाग के बिजबिहाड़ा में सुरक्षाबलों की नाका पार्टी पर हमला बोला था। हालांकि जवाबी कार्रवाई के कारण आतंकी भागने में कामयाब रहे पर उनकी गोलीबारी में एक जवान जख्मी हो गया था।
अधिकारियों ने इसे माना है कि आतंकी जी-20 की बैठक से पहले जम्मू कश्मीर में हिंसा के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं जिसके लिए की जाने वाली कोशिश को वे अंतिम रूप से दे रहे हैं। अधिकारी कहते हैं कि उनके मंसूबों पर पानी फेरने के लिए सुरक्षाबल पूरी तरह से तैयार बैठे हैं।
इससे पहले पुंछ में भी आतंकी हमले में 5 जवानों को जान गंवानी पड़ी थी। पुंछ में हुए आतंकी हमले के बाद से ही सेना और भी ज्यादा सक्रिय हो गई है। हालांकि पुंछ के मुख्य गुनाहगार अब भी पकड़ से बाहर हैं।