मीथेन गैस को कार्बन डाईऑक्साइड में बदलने से जलवायु परिवर्तन में मिल सकती है बड़ी मदद
By भाषा | Published: May 21, 2019 06:16 PM2019-05-21T18:16:28+5:302019-05-21T18:16:28+5:30
वैसे तो वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बहुत ज्यादा है लेकिन मीथेन निकलने के पहले 20 सालों में जलवायु तंत्र को गर्म करने में 84 गुणा ज्यादा प्रभावी है।
स्टैनफोर्ड के वैज्ञानिकों का कहना है कि मीथेन को कार्बन डाईऑक्साइड में बदलने से जलवायु परिवर्तन का रुख मोड़ने में मदद मिल सकती है। उन्होंने प्रस्ताव रखा है कि एक ग्रीनहाऊस गैस को दूसरी ग्रीनहाऊस गैस में तब्दील करना बढ़ते वैश्विक तापमान से लड़ने में लाभकारी कदम हो सकता है।
जर्नल ‘नेचर सस्टेनैबिलिटी’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार वैसे तो वायुमंडल में जानबूझकर कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ने का विचार सहज सोच के विपरीत जान पड़ता है लेकिन मीथेन को कार्बन डाइऑक्साइड में बदलना जलवायु के लिए विशुद्ध फायदा है।
अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के रॉब जैकसन ने कहा, ‘‘ यदि इसमें महारत हासिल कर ली गयी तो यह प्रौद्योगिकी वायुमंडल को मीथेन और अन्य गैसों की सांद्रता के लिहाज से औद्योगिक क्रांति से पहले के स्तर पर ले जा सकती है। ’’ पिछले अध्ययनों के मुताबिक वायुमंडल में वर्ष 2018 में मीथेन औद्योगिक क्रांति के स्तर से ढाई गुणा अधिक हो गया था। मीथेन का 60 फीसद हिस्सा मानवीय गतिविधियों से निकलता है।
वैसे तो वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बहुत ज्यादा है लेकिन मीथेन निकलने के पहले 20 सालों में जलवायु तंत्र को गर्म करने में 84 गुणा ज्यादा प्रभावी है। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार मूल विचार यह है कि मीथेन उत्सर्जन के स्रोतों- धान की खेती या पशुपालन को हटाना बहुत ही मुश्किल या महंगा सौदा हो सकता है।
स्टैनफोर्ड के क्रीस फील्ड ने कहा, ‘‘ एक विकल्प यह है कि मीथेन को हटाकर इन उत्सर्जन में समायोजन लाना ताकि वायुमंडल को गर्म करने में विशुद्ध प्रभाव न हो।’’