नये उपन्यास में महिलाओं की पसंद में विरोधाभास को प्रदर्शित करने की कोशिश

By भाषा | Updated: August 1, 2021 15:51 IST2021-08-01T15:51:30+5:302021-08-01T15:51:30+5:30

Trying to show the contradiction in women's choices in the new novel | नये उपन्यास में महिलाओं की पसंद में विरोधाभास को प्रदर्शित करने की कोशिश

नये उपन्यास में महिलाओं की पसंद में विरोधाभास को प्रदर्शित करने की कोशिश

(तृषा मुखर्जी)

नयी दिल्ली, एक अगस्त महिलाओं की पंसद राजनीति के क्षेत्र में हमेशा से एक विवादित चीज रही है, लेकिन अनिंदिता घोष के प्रथम उपन्यास की काल्पनिक दुनिया में मीनाक्षी नाम के एक आदर्श देश में उन्हें जगह मिली है, जहां पितृसत्ता और इसके नियमों को दखल देने की अनुमति नहीं है।

घोष ने एक ई-मेल साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि एक साझा हित को लेकर महिलाओं के बीच संबंध किस तरह और कैसे जीवन को प्रभावित करने वाले हो सकते हैं, उसे प्रदर्शित करने के लिए महिलाओं को पारंपरिक रूप से एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने वाली सदियों पुरानी धारणा को इस उनके उपन्यास ‘‘द इल्युमिनेटेड’’ में तोड़ा गया है और संसार को रहने के लिए एक उदार जगह बनाया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘पितृसत्ता महिलाओं को विभाजित करती है, यह महिलाओं को एक दूसरे के प्रति सशंकित बनाती है और एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कराती है।’’

पूर्व पत्रकार के 300 पृष्ठों के उपन्यास की कहानी के केंद्र में शशि नाम की एक मां और तारा नाम की उनकी बेटी हैं। शशि के पति रोबी की मृत्यु के बाद मां-बेटी के इर्द गिर्द कहानी घूमती है।

दोनों महिलाएं अपना सफर पहले समानांतर मार्ग पर शुरू करती हैं और फिर एक साथ हो जाती हैं। दोनों का जीवन उनकी सहेलियों की मदद से आगे बढ़ता है।

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Web Title: Trying to show the contradiction in women's choices in the new novel

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