उच्च न्यायपालिका में भर्तियों के मुद्दे से तत्काल निपटने का प्रयास कर रहे : सीजेआई

By भाषा | Published: September 4, 2021 08:01 PM2021-09-04T20:01:25+5:302021-09-04T20:01:25+5:30

Trying to deal with the issue of recruitments in higher judiciary immediately: CJI | उच्च न्यायपालिका में भर्तियों के मुद्दे से तत्काल निपटने का प्रयास कर रहे : सीजेआई

उच्च न्यायपालिका में भर्तियों के मुद्दे से तत्काल निपटने का प्रयास कर रहे : सीजेआई

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने बड़ी संख्या में रिक्त पड़े न्यायाधीशों के पदों को ‘बड़ी चुनौती’ करार देते हुए शनिवार को उम्मीद जताई की सरकार उच्च न्यायालयों में नियुक्तियों के लिए कोलेजियम द्वारा अनुशंसा किए गए नामों को तेजी से मंजूरी सुनिश्चित करेगी जैसा कि उसने शीर्ष अदालत में नियुक्तियों के लिए किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना निगम गठित करने के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और जल्द ही सरकार को यह भेजा जाएगा। सीजेआई ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की ओर से उन्हें सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ न्याय प्रणाली आधारभूत अवसंरचना, प्रशासनिक कर्मियों की कमी और बड़ी संख्या में न्यायाधीशों की रिक्तियों जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है।’’ उच्च न्यायपालिका में नियुक्तियों के लिए सीजेआई ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय कानून मंत्री को कोलेजियम के अनुशंसा पर शीर्ष अदालत में नौ न्यायाधीशों की नियुक्ति को ‘ जेट स्पीड’ की गति से मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया, जो इस कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं प्रधानमंत्री, कानून मंत्री और भारत सरकार को नामों को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद देता हूं।’’ न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि उनकी कोशिश ‘तत्काल आधार’ पर उच्च न्यायपालिका में रिक्तियों से निपटने की है और रेखांकित किया कि सामूहिक प्रयास की वजह से अब शीर्ष अदालत में न्यायाधीश पद की रिक्ति घटकर एक रह गई है। उन्होंने कहा, ‘‘इसी प्रकार मेरे कार्यभार ग्रहण करने के बाद कोलेजियम ने अगर गलत नहीं हूं तो उच्च न्यायालयों के लिए 82 नामों की अनुशंसा की।’’ सीजेआई ने कहा, ‘‘ मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार नामों को यथाशीघ्र मंजूर करेगी जिस तरह से शीर्ष अदालत से नौ नामों को मंजूरी दी गई। यह चलते रहने वाली प्रक्रिया है। हम सभी उच्च न्यायालयों में इस समय खाली करीब 41 प्रतिशत रिक्तियों को भरने की चुनौती पर खरा उतरने की उम्मीद करते हैं।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले महीने तक 90 प्रतिशत रिक्त पदों पर भर्ती हो जाएगी। सीजेआई ने कहा कि वह कोलेजियम में अपने सहयोगियों- न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव- का इस प्रयास में सक्रिय और सृजनात्मक साझेदार बनने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करना चाहते हैं। सीजेआई ने न्यायिक प्रणाली में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व पर भी चिंता जताई। इस कार्यक्रम में जो अन्य हस्तियां शामिल हुई, उनमें शीर्ष अदालत के कई मौजूदा न्यायाधीश, सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता, देशभर के विभिन्न वकीलों के निकायों के पदाधिकारी और सदस्य शामिल थे। न्यायिक अवसंरचना के मुद्दे पर न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से सूचना प्राप्त कर रिपोर्ट तैयार की है और जल्द वह इसे कानून मंत्रालय को भेजेंगे। उन्होंने वादियों और वकीलों, खासतौर पर महिला अधिवक्ताओं की समस्याओं को रेखांकित करते हुए कहा कि अगर राष्ट्रीय स्तर पर न्यायिक अवसंरचना निगम का गठन होता है तो इन मुद्दों पर गौर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने देखा था कि अदालत में महिला अधिवक्ताओं के लिए शौचालय तक की सुविधा नहीं थी। सीजेआई ने कहा कि न्याय तक पहुंच मजबूती से मुहैया कराई गई है लेकिन इसके बावजूद लाखों लोग अदालत का रुख कानूनी उपचार के लिए नहीं कर पाते, अधिक खर्च और देरी हमारी कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है जो बड़ी चुनौती है। न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि एक अन्य क्षेत्र जिसे रेखांकित करने की जरूरत है, वह है महिला वकीलों का पेशे में प्रतिनिधित्व के लिए संघर्ष और उनमें से बहुत कम ही शीर्ष पर प्रतिनिधित्व प्राप्त कर पाती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता के 75 साल के बाद , उम्मीद की जाती है कि कम से कम 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व महिलाओं का सभी स्तर पर हो लेकिन मैं स्वीकार करता हूं कि बड़ी मुश्किल से हम 11 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व उच्चतम न्यायालय की पीठ में प्राप्त कर सके।’’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति विनीत शरण ने कहा कि सीजेआई सुंदर हृदय के व्यक्ति हैं। उन्होंने बताया, ‘‘ कल (बीता हुआ), किसी ने मुझे सूचित किया कि एक बच्ची ने प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा कि जब स्कूल खुले हैं, कॉलेज ,खुले हैं, सभी कारोबार चल रहे हैं तो क्यों नहीं अदालत खुल रहे हैं? मुझे बताया गया कि सीजेआई ने उसे जनहित याचिका के तौर पर लिया और अब उसपर सुनवाई होगी।

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Web Title: Trying to deal with the issue of recruitments in higher judiciary immediately: CJI

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