ईवीएम पर विपक्ष के सवालों को त्रिवेन्द्र रावत ने जनता का अनादर बताया, कहा- अराजकता फैलाने का षड्यंत्र है
By भाषा | Published: May 23, 2019 01:15 AM2019-05-23T01:15:30+5:302019-05-23T01:15:30+5:30
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने तीन से ज्यादा जनहित याचिकाओं का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है और विपक्ष अब उस पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहा है ।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विभिन्न विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम पर उठाये जा रहे सवालों को उनका अनर्गल प्रलाप एवं देश में अराजकता फैलाने का कुत्सित षड्यंत्र बताते हुए कहा कि यह जनता का अनादर है ।
उन्होंने बुधवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि विपक्षी दलों का यह प्रयास भारत की पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया और महान लोकतांत्रिक मूल्यों पर प्रश्नचिन्ह लगाने का विफल प्रयास है। उन्होंने इसे देश के लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने वाला प्रयास भी बताया ।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ ईवीएम का विरोध देश की जनता के जनादेश का अनादर है। अपनी संभावित हार से बौखलाई हुई 22 पार्टियां देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठा कर विश्व में देश और अपने लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रही हैं। इन सभी दलों की मांगों का कोई तार्किक आधार नहीं है और वह सिर्फ निजी स्वार्थ से प्रेरित है।’’
रावत ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने तीन से ज्यादा जनहित याचिकाओं का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है और विपक्ष अब उस पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहा है ।
भारत के लोकतंत्र का इतिहास याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि 1977 से 2014 के सभी आम चुनावों में भारी परिवर्तन शांतिपूर्वक हुए जिससे देश के लोकतंत्र पर सारे विश्व की आस्था मजबूत हुई और देश का गौरव भी बढ़ा।
रावत ने कहा कि अपने निहित स्वार्थ और पराजय को न मानने की मानसिकता के कारण विपक्ष चुनाव आयोग और देश के लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रान्ति फैलाने का प्रयास है जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।