त्रिशूल या उगता सूरज? निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद ठाकरे गुट ने भेजे अपने पसंदीदा चुनाव चिह्न, नए नाम भी भेजे गए

By विनीत कुमार | Published: October 9, 2022 02:02 PM2022-10-09T14:02:28+5:302022-10-09T14:11:14+5:30

चुनाव आयोग के निर्देशों के बाद उद्धव ठाकरे गुट ने अपने पसंदीदा चुनाव चिह्न और नाम के विकल्प भेज दिए हैं। सूत्रों के अनुसार त्रिशूल उद्धव ठाकरे गुट की पहली पसंद है। जबकि दूसरी पसंद उगता सूरज है।

Trishul or rising sun? After order of EC Uddhav Thackeray faction sens favorite symbol choices and names | त्रिशूल या उगता सूरज? निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद ठाकरे गुट ने भेजे अपने पसंदीदा चुनाव चिह्न, नए नाम भी भेजे गए

ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग को भेजे अपने पसंदीदा चुनाव चिह्न और नाम

Highlightsउद्धव ठाकरे गुट की ओर से तीन नाम और चुनाव चिह्न की सूची निर्वाचन आयोग के पास भेजी गई है।सूत्रों के अनुसार चिह्न के लिए पहला विकल्प त्रिशूल को दिया गया है, दूसरी पसंद 'उगता सूरज' बताई गई है।'शिवसेना बालासाहेब ठाकरे' और 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' को क्रमश: पहली और दूसरी पसंद बताई गई है।

नई दिल्ली: मुंबई के अंधेरी ईस्ट में होने वाले उप-चुनाव के लिए उद्धव ठाकरे गुट की ओर से तीन नाम और चुनाव चिह्न की सूची निर्वाचन आयोग के पास भेजी गई है। चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है।

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में कहा है- 'शिवसेना बालासाहेब ठाकरे' नाम के लिए गुट की पहली पसंद हैं और 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' दूसरी पसंद है। चिह्न के तौर इसने त्रिशूल को अपनी पहली पसंद के रूप में और दूसरे विकल्प के रूप में उगते सूरज को मांगा है।'

उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुट आज अपने पार्टी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उद्धव टाकरे ने दोपहर 12 बजे बैठक की। वहीं, शिंदे गुट की बैठक शाम 7 बजे होनी है।

शिवसेना को 1989 में मिला था 'धनुष और बाण' का चिह्न

साल 1989 में शिवसेना को अपना निश्चित चिन्ह- 'धनुष और बाण' मिला था। इससे पहले पार्टी ने तलवार और ढाल, नारियल पेड़, रेलवे इंजन और 'कप और प्लेट' जैसे अलग-अलग चिह्नों पर चुनाव लड़ा था।

उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच विवाद के बाद चुनाव आयोग ने शनिवार को शिवसेना के नाम और उसके 'धनुष और तीर' के चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। साथ ही दोनों गुट को तीन नामों और प्रतीकों की एक सूची सोमवार तक देने के लिए कहा गया था, जिनमें से चुनाव आयोग एक-एक नाम और चिन्ह इन्हें आवंटित करेगा।

शिवसेना में जून में दो फाड़ होने के बाद दोनों गुटों ने स्वयं के ‘असली शिवसेना’ होने का दावा करते हुए निर्वाचन आयोग में पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह उन्हें आवंटित करने का अनुरोध किया था। 

गौरतलब है कि इससे पहले आयोग ने दोनों गुटों से कहा था कि वे अपने-अपने दावों के समर्थन में आठ अगस्त तक सभी दस्तावेज और विधायी तथा संगठन के समर्थन का साक्ष्य जमा कराएं। हालांकि, बाद में ठाकरे गुट के अनुरोध पर इस अवधि को बढ़ाकर सात अक्टूबर कर दिया गया था। 

शिंदे गुट ने चार अक्टूबर को निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव में उसे ‘शिवसेना के नाम और तीर-कमान के चुनाव चिन्ह’ का उपयोग करने की अनुमति दी जाए। ठाकरे गुट ने इस दावे पर अपना जवाब शनिवार को सौंपा और विरोधी गुट के दस्तावेजों और दावों का अध्ययन करने के लिए और चार सप्ताह का समय मांगा है। 

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