त्रिपुरा: दो महिला पत्रकारों पर विहिप की छवि खराब करने और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज
By विशाल कुमार | Published: November 14, 2021 12:27 PM2021-11-14T12:27:19+5:302021-11-14T12:29:23+5:30
दिल्ली स्थित एचडब्ल्यू न्यूज से जुड़ी दोनों पत्रकारों समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा ने आरोप लगाया कि आज सुबह पुलिस उनके होटल आई थी और उन्हें धमकी दी. पत्रकारों ने बताया कि वे राज्य में हिंसा की हालिया घटनाओं को कवर कर रहे हैं.
अगरतला: दक्षिणपंथी समूह विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की शिकायत पर त्रिपुरा में दो महिलापत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
न्यूजलॉन्ड्री की रिपोर्ट के अनुसार, कंचन दास नाम के शख्स द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि दोनों पत्रकारों ने 13 नवंबर को फातिकरॉय में मुस्लिम घरों का दौरा करते हुए हिंदुओं और त्रिपुरा सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था.
उन्होंने दावा किया कि सकुनिया ने 24 अक्टूबर को उनाकोटी के पॉल बाजार में एक मस्जिद में आग लगाने के संबंध में विहिप और बजरंग दल के नाम गलत तरीके से बताए थे, जिसने संगठन और राज्य सरकार को बदनाम किया था. दास ने आरोप लगाया कि यह त्रिपुरा में सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने की आपराधिक साजिश का हिस्सा है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली स्थित एचडब्ल्यू न्यूज से जुड़ी दोनों पत्रकारों समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा ने आरोप लगाया कि आज सुबह पुलिस उनके होटल आई थी और उन्हें धमकी दी. पत्रकारों ने बताया कि वे राज्य में हिंसा की हालिया घटनाओं को कवर कर रहे हैं.
दोनों पत्रकारों पर आईपीसी की धारा 153-ए के तहत धर्म के आधार पर दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और धारा 120 के तहत आपराधिक साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया है.
सकुनिया ने एक ट्वीट में कहा कि हमें राजधानी अगरतला के लिए निकलना था, लेकिन पूरे सहयोग के बावजूद हमें जाने नहीं दिया गया. हमारे होटल के बाहर करीब 16-17 पुलिसकर्मी तैनात हैं.
जबकि सूत्रों ने दावा किया कि पुलिस की एक टीम ने उन्हें केवल नोटिस दिया और बाद में उन्हें 21 नवंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा. दोनों से फेक न्यूज फैलाने के आरोप में पूछताछ हो सकती है.
त्रिपुरा में कथित झड़पों को लेकर महाराष्ट्र में भारी विरोध के बीच गृह मंत्रालय ने शनिवार को गोमती जिले में एक मस्जिद में तोड़फोड़ के दावों को खारिज कर दिया.
बता दें कि, पिछले हफ्ते, फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को त्रिपुरा पुलिस ने सौ से अधिक खातों की जानकारी देने के लिए कहा था, जिनसे कथित रूप से फर्जी और भड़काऊ पोस्ट किए गए थे.
हाल ही में, एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों, कार्यकर्ताओं और धार्मिक प्रचारकों सहित 70 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.