त्रिपुराः नगर निगम में काम करने वाली 53 वर्षीय शीला दास ने दो बेटियों संग पास की बोर्ड की परीक्षा, इतने फीसदी आए अंक
By अनिल शर्मा | Published: July 7, 2022 09:20 AM2022-07-07T09:20:26+5:302022-07-07T10:10:50+5:30
त्रिपुरा की शीला रानी दास की कम उम्र में ही शादी हो गई थी। शादी के बाद वह दसवीं की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकीं। लेकिन शीला की दोनों बेटियों ने अपनी मां के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें प्रेरित किया...
अगरतला: कहा जाता है कि सीखने, पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। जज्बा हो तो किसी भी उम्र में आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। ऐसी कई प्रेरणादायक कहानियां किस्से दुनियाभर में मौजूद हैं। ऐसा ही कुछ त्रिपुरा की एक 53 वर्षीय मां की कहानी है जो अपने दो बेटियों के साथ मैट्रिक की परीक्षा पास की है। ना सिर्फ पास की, बल्कि अच्छे अंक भी प्राप्त किए।
त्रिपुरा की शीला रानी दास की कम उम्र में ही शादी हो गई थी। शादी के बाद वह दसवीं की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकीं। लेकिन शीला की दोनों बेटियों ने अपनी मां के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें प्रेरित किया जिसका परिणाम सबके सामने है। शीला ने अपनी बेटियों - राजश्री दास और जयश्री दास द्वारा उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करने के बाद यह उपलब्धि हासिल की।
Tripura | Shila Rani Das along with her two daughters cleared board exams in Agartala
— ANI (@ANI) July 7, 2022
We are happy as our mother passed class 10th exam and my sister and I cleared our 12th class. We motivated her and also helped in her studies: Jayashree Das, daughter of Shila Rani Das (06.07) pic.twitter.com/iS90QttBVj
शीला रानी दास ने कितने पाए अंक
शीला रानी दास ने 500 में से 221 अंक प्राप्त किए हैं जबकि उनकी बेटियों राजश्री और जयश्री ने परीक्षा में क्रमशः 250 और 328 अंक प्राप्त किए। इस उपलब्धि पर शीला ने कहा, “यह वास्तव में मेरे लिए गर्व का क्षण है। हालांकि मैं अपनी पढ़ाई के लिए ज्यादा समय नहीं दे सकी, लेकिन मैं परीक्षा पास करने में कामयाब रही और यह मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि है।''
अगरतला नगर निगम में करने वाली दास ने कुछ साल पहले ही अपने पति को खो दिया। इसके बाद वह घर की जिम्मेदारियों में व्यस्त हो गईं। लेकिन परीक्षा में बैठने का फैसला किया क्योंकि यह उनका सबसे बड़ा सपना था कि वह अपनी अधूरी पढ़ाई को पूरा करें। वह ऐसा अपनी बेटियों की प्रेरणा और सहयोग से कर पाईं।
शीला की बेटी जयश्री ने कहा, "यह माँ काली का आशीर्वाद था। मेरी माँ परीक्षा पास करना चाहती थी, लेकिन नहीं कर सकी क्योंकि वह घर के कामों में व्यस्त थी और हमारी देखभाल कर रही थी। हालाँकि, जब हम उच्च माध्यमिक परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, तब हमने उसे परीक्षा में बैठने के लिए प्रोत्साहित किया। इसे स्वीकार करते हुए, उसने परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया। ”
गौरतलब है कि त्रिपुरा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (टीबीएसई) ने 6 जुलाई को दो परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए थे और दसवीं कक्षा की परीक्षा में बैठने वाले 43,294 छात्रों में से 37,748 छात्र 86.18 प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण हुए थे। हायर सेकेंडरी परीक्षा में, 28,931 छात्र उपस्थित हुए थे, जिनमें से 27,544 छात्र 94.46 प्रतिशत के साथ सफलतापूर्वक उत्तीर्ण हुए।
माध्यमिक परीक्षा में कुल 43,294 उम्मीदवार शामिल हुए जिनमें 20,787 पुरुष और 22,507 महिलाएं शामिल थीं, जबकि एचएस + 2 परीक्षाओं में 14,068 पुरुष और 14,863 महिलाओं सहित 28,931 उम्मीदवार शामिल हुए थे। परीक्षा 77 परीक्षा केंद्रों के तहत 161 परीक्षा स्थलों पर आयोजित की गई थी।