हाईकोर्ट ने त्रिपुरा के सभी मंदिरों में पशुबलि पर लगाई रोक, रिटायर्ड जज ने दायर की थी जनहित याचिका
By भाषा | Published: September 29, 2019 05:40 AM2019-09-29T05:40:58+5:302019-09-29T05:40:58+5:30
आदेश में कहा गया है, ‘‘ राज्य समेत किसी को भी राज्य के अंदर किसी भी मंदिर के प्रांगन में पशु/पक्षी की बलि देने की इजाजत नहीं होगी।’’ पीठ ने सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को इस आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने राज्य के सभी मंदिरों में पशुओं या पक्षियों की बलि पर शुक्रवार को रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति अरिंदम लोध की एक खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
आदेश में कहा गया है, ‘‘ राज्य समेत किसी को भी राज्य के अंदर किसी भी मंदिर के प्रांगन में पशु/पक्षी की बलि देने की इजाजत नहीं होगी।’’ पीठ ने सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को इस आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को दो प्रमुख मंदिरों-- देवी त्रिपुरेश्वरी मंदिर एवं चतुरदास देवता मंदिर में तत्काल सीसीटीवी कैमरे लगवाने का आदेश दिया। इन दोनों मंदिरों में बड़ी संख्या में पशुओं की बलि दी जाती है।
Tripura High Court on Friday ordered a ban on animal sacrifice in temples in the state, in response to a Public Interest Litigation (PIL) filed by Subhash Bhattacharjee, a retired judge. pic.twitter.com/yLCa6hhe8D
— ANI (@ANI) September 28, 2019