त्रिपुरा: मणिक सरकार ने दिया इस्तीफा, CPM का आरोप- BJP ने जलाए दफ्तर, कार्यकर्ताओं को भी पीटा

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 5, 2018 09:26 AM2018-03-05T09:26:03+5:302018-03-05T09:26:03+5:30

त्रिपुरा में हाल ही में हुए चुनावों में बीजेपी(भारतीय जनता पार्टी) ने प्रचंड बहुमत हासिल करके 25 साल बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया है।

tripura: At CPM office workers claim to bjp worker, attacks on cadres offices | त्रिपुरा: मणिक सरकार ने दिया इस्तीफा, CPM का आरोप- BJP ने जलाए दफ्तर, कार्यकर्ताओं को भी पीटा

त्रिपुरा: मणिक सरकार ने दिया इस्तीफा, CPM का आरोप- BJP ने जलाए दफ्तर, कार्यकर्ताओं को भी पीटा

नई दिल्ली,( 5 मार्च): त्रिपुरा में हाल ही में हुए चुनावों में बीजेपी(भारतीय जनता पार्टी) ने प्रचंड बहुमत हासिल करके 25 साल बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया है। बीजेपी ने यहां एक लंबे अरसे बाद लेफ्ट को पस्त किया है। ऐसे में सीपीएम ने चुनाव नतीजों के बाद अपने दफ्तरों पर बीजेपी कार्यकर्ताओं के द्वारा हमला करने का आरोप लगाया है। वहीं मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने विधान सभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया है। माणिक सरकार साल 1998 से ही राज्य के सीएम थे।

सीपीएम की ओर से कहा गया है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पीटा जा रहा है, साथ ही उनके दफ्तर भी जाए गए हैं। सीपीएम ने कहा है कि राज्यभर में ऐसी 200 घटनाएं अब तक हो चुकी हैं। इन सभी घटनाओं का उन्होंने जिम्मेदार बीजेपी  को बताया है। हांलाकि सीएमएम और बीजेपी कार्यकर्ताओें के बीच झड़प की खबरें पहले आ चुकी हैं।

त्रिपुरा के सांसद जितेंद्र उपाध्याय ने इस पूरे प्रकरण पर अपनी बात पेश की है। उन्होंने कहा है कि कम से कम कैडर और पार्टी दफ्तर पर दो सौ हिंसा की घटनाएं हुई हैं। इस हिंसाओं की हर रिपोर्ट भी तैयार कर रहे हैं ताकि सच सामने आ सके।  त्रिपुरा सीपीएम स्टेट सेक्रेटरी बिजन धर ने आरोप लगाया कि हिंसा की घटनाओं को रोकने और बीजेपी वर्कर पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी पर आदिवासियों को भड़काने का भी आरोप लगाया है।

 उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी ने बंगालियों और आदिवासियों के बीच दूरियां पैदा करके अपना वोटबैंक हासिल किया है।  उन्होंने कई तरह के बीजेपी पर आरोप लगाए हैं। ऐसे में बीजेपी सीपीएम के इन बयानों को महज बैखलाट करार रही है। गौरबतल है कि पिछले 25 साल से त्रिपुरा में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार रही। माणिक सरकार लगातार पांच बार से मुख्यमंत्री रहे।

मगर, इस बार हुए विधानसभा चुनाव में  राज्य की 60 में से 59 सीटों पर हुए चुनाव में सभी सीटों के नतीजे घोषित हुए। जिसमें बीजेपी को खुद जहां 35 सीटें मिलीं, वहीं सहयोगी पार्टी आईपीएफटी के साथ कुल 43 सीटों पर विजय मिली। जबकि सत्ताधारी सीपीएम को महज 16 सीटें ही हासिल हो पाई हैं।

Web Title: tripura: At CPM office workers claim to bjp worker, attacks on cadres offices

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