ट्रिपल तलाकः राज्यसभा में बुधवार को पेश हो सकता है बिल, बीजेपी सांसदों को व्हिप जारी

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 2, 2018 08:39 AM2018-01-02T08:39:32+5:302018-01-02T11:47:10+5:30

ट्रिपल तलाक से जुड़े बिल पर राज्यसभा में कांग्रेस का रुख तय करेगा आगे का रास्ता। जानें सदन के मौजूदा समीकरण...

triple talaq bill government will present in rajya sabha today | ट्रिपल तलाकः राज्यसभा में बुधवार को पेश हो सकता है बिल, बीजेपी सांसदों को व्हिप जारी

ट्रिपल तलाकः राज्यसभा में बुधवार को पेश हो सकता है बिल, बीजेपी सांसदों को व्हिप जारी

मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 लोकसभा में पास हो चुका है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश कर सकते हैं। बीजेपी ने अपने सभी सांसदों के को व्हिप जारी किया है। ट्रिपल तलाक को जुर्म घोषित कर इसके लिए सजा के प्रावधान करने संबंधी विधेयक पर लोकसभा में मोदी सरकार को कांग्रेस का साथ मिला है। अब सभी की निगाहें इसी बात पर टिकी हुई हैं कि क्या राज्यसभा में कांग्रेस अपना स्टैंड बदलेगी? अगर कांग्रेस ने राज्यसभा में अपना स्टैंड बदला तो फिर ट्रिपल तलाक के खिलाफ कड़े कानून का सपना मुश्किल में पड़ सकता है।

राज्यसभा में मौजूदा समीकरण

राज्य सभा में कुल 245 सीटें हैं। राज्य सभा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार 29 दिसंबर 2017 तक उच्च सदन की सात सीटें रिक्त हैं। यानी इस वक्त सदन में 238 सांसद हैं। अगर सभी सांसद मतदान के दौरान मौजूद रहते हैं तो सरकार को तीन तलाक विधेयक पारित कराने के लिए कम से कम 120 सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी। एनडीए (जदयू समेत) के पास राज्य सभा में इस समय 86 सांसद हैं। तीन तलाक विधेयक पारित कराने के लिए उसे 34 और सांसदों का समर्थन चाहिए होगा।

उठ सकती है संसदीय समिति को भेजने की मांग

 28 दिसंबर को लोकसभा में जब विधेयक पर चर्चा हुई थी तब कांग्रेस, माकपा, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, बीजद, राजद, सपा समेत कई दलों ने इसे संसदीय समिति को भेजने की मांग उठाई थी। राज्यसभा में भी इन दलों का रुख यही रहने की संभावना है। कई छोटे दल भी चाहते हैं कि संसदीय समिति में इस विधेयक को भेजा जाए। राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इस सिलसिले में आज अपने कक्ष में बैठक बुलाई है।

मुस्लिम संगठनों में नाराजगी

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) ने दावा किया है कि यदि यह बिल राज्यसभा से भी पारित हो जाता है तो कई मुस्लिम संगठन सुप्रीम कोर्ट का रुख  करेंगे। बता दें कि इस विधेयक के कई प्रावधानों को लेकर मुस्लिम संगठनों में नाराजगी है। सरकार ने इसे लेकर किसी मुस्लिम संगठन से कोई चर्चा भी नहीं की है।

क्या है तीन तलाक विधेयक का विवादित प्रावधान?

लोक सभा में पारित तीन तलाक विधेयक में एक बार में तीन बार तलाक बोलने को अपराध बनाया गया है जिसके लिए तीन साल तक जेल और जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। कई विपक्षी दलों को सजा के प्रावधान पर ऐतराज है। इस विधेयक से पहले तलाक सिविल मामला रहा है। अगर ये विधेयक पारित हो गया तो तलाक-ए-बिद्दत क्रिमिनल मामला हो जाएगा। प्रस्तावित विधेयक में फोन, एमएमएस, चिट्ठी, ईमेल इत्यादि तरीकों से तलाक पर भी रोक लगायी है।

तीन तलाक पर विपक्ष की आपत्ति

कांग्रेस ने सरकार से पूछा कि अगर एक बार में तीन तलाक देने के जुर्म में शौहर को सजा हो जाएगी तो बीवी को मिलने वाले गुजारे भत्ते का क्या होगा। कांग्रेस ने कहा कि वो तीन तलाक खत्म करने की दिशा में हर कदम के समर्थन में है लेकिन दोषी को जेल की सजा का प्रावधान होने पर उसके बच्चों और महिला को गुजारा भत्ता कौन देगा। कांग्रेस ने कहा कि वो संसदीय पैनल द्वारा इस विधेयक की समीक्षा चाहती है। कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि उनकी पार्टी सिविल मामले को आपराधिक बनाने के खिलाफ है। देव ने कहा कि तलाक-ए-बिद्दत को आपराधिक बनाने से पति-पत्नी के बीच समझौते की गुंजाइश  खत्म हो जाएगी।

Web Title: triple talaq bill government will present in rajya sabha today

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