नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में जान गंवाने वालों को दी गई श्रद्धांजलि

By भाषा | Updated: December 20, 2020 19:55 IST2020-12-20T19:55:42+5:302020-12-20T19:55:42+5:30

Tributes paid to those who lost their lives in protest against new agricultural laws | नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में जान गंवाने वालों को दी गई श्रद्धांजलि

नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में जान गंवाने वालों को दी गई श्रद्धांजलि

चंडीगढ़, 20 दिसंबर नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वालों को नमन करने के लिए पंजाब और हरियाणा में किसानों ने रविवार को 'श्रद्धांजलि दिवस' मनाया।

किसान संगठनों ने दावा किया है कि आंदोलन में हिस्सा लेने वाले 30 से ज्यादा किसानों की अब तक विभिन्न कारणों से मौत हुई है, जिनमें सड़क हादसे और दिल का दौरा आदि शामल है।

प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने दिवंगत भाइयों की याद में दोनों राज्यों के कई गांवों में 'अरदास' (प्रार्थना) किया।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) (एकता उग्रहण) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, " इस आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को पंजाब में कई स्थानों पर श्रद्धांजलि दी गई। "

किसान नेताओं ने कहा कि वे इन "काले कानूनों" के खिलाफ इस लड़ाई में किसानों के " बलिदान" को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।

पंजाब के कुछ स्थानों पर बीकेयू (एकता उग्रहण) से संबद्ध किसानों ने भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ मार्च निकाला। यह मार्च केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की उनकी मांगें नहीं मानने की वजह से निकाला गया।

हरियाणा बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह ने कहा कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों की याद में राज्य में कई स्थानों पर प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बीरेंद्र सिंह ने भी पलवल में एनएच-18 पर आयोजित एक प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया। वह किसान नेता सर छोटू राम के पोते हैं।

पंजाब और हरियाणा समेत देश के विभिन्न राज्यों से आए किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले चार हफ्तों से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वे इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

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Web Title: Tributes paid to those who lost their lives in protest against new agricultural laws

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