ट्रायल रन के दौरान सबसे तेज रफ्तार ‘ट्रेन 18’ पर पथराव, अगले हफ्ते पीएम मोदी को दिखानी है हरी झंडी
By भाषा | Published: December 20, 2018 11:37 PM2018-12-20T23:37:51+5:302018-12-20T23:37:51+5:30
रेलवे ने लोगों को तोड़फोड़ से दूर रहने की अपील की है।
नई दिल्ली, 20 दिसंबरः भारतीय रेल की सबसे तेज रफ्तार ‘ट्रेन 18’ पर बृहस्पतिवार को दिल्ली से आगरा के बीच परीक्षण के दौरान पत्थर फेंके गये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 29 दिसंबर को ‘ट्रेन 18’ को हरी झंडी दिखाने का कार्यक्रम है। सौ करोड़ की लागत वाली इस ट्रेन के एक डिब्बे का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया। इस घटना के कुछ घंटे बाद, रेलवे ने लोगों से रेल संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की।
ट्रेन के अत्याधुनिक डिब्बे बनाने वाली ‘इंटीग्रल कोच फैक्टरी’ (आईसीएफ) चेन्नई द्वारा बनाई गई ‘ट्रेन 18’ हाल में दिल्ली राजधानी मार्ग के एक हिस्से पर परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार छूकर भारत की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन बनी थी। यह शताब्दी ट्रेनों की जगह लेगी और यह दिल्ली तथा वाराणसी के बीच चलेगी।
आईसीएफ प्रवक्ता जी वी वेंकटेसन ने कहा, ‘‘आज, जब ट्रेन 18 का आगरा और दिल्ली के बीच गति परीक्षण चल रहा था तो कुछ अराजक तत्वों ने इस पर पत्थर फेंके जिससे ट्रेन 18 के एक तरफ का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया।’’
Train 18 was pelted with stones during trial run between Agra and New Delhi, earlier today. It is scheduled to be flagged off by Prime Minister Narendra Modi on December 29. pic.twitter.com/PwdZD2hF16
— ANI (@ANI) December 20, 2018
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ट्रेन, रेलवे स्टेशन जैसी सार्वजनिक संपत्तियों, विशेषकर ट्रेन 18 जैसी नई प्रतिष्ठित ट्रेन को नुकसान पहुंचाने का कोई भी कृत्य निंदनीय है। लोगों से अनुरोध है कि ट्रेन, रेलवे स्टेशन सहित रेल संपत्तियों को न तो नुकसान पहुंचाएं और ना ही उन्हें विकृत करें। यह सार्वजनिक संपत्ति है जो आपकी ही है।’’ अधिकारियों ने कहा कि घटना की जांच चल रही है ।
आईसीएफ के महाप्रबंधक सुधांशु मनु ने ट्वीट किया, ‘‘ इस बार दिल्ली से आगरा के बीच ‘ट्रेन 18’ 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी...आईसीएफ के मुख्य डिजायन इंजीनियर श्रीनिवास कैब (चालक डिब्बा) में सवार थे, उन्होंने 181 किलोमीटर प्रति घंटे की रिकार्ड रफ्तार दर्ज की...कुछ अराजक तत्वों ने एक पत्थर फेंका जिससे शीशा टूट गया, आशा है कि हम उसे (पत्थर फेंकने वाले को) पकड़ लेंगे।’’
इस ट्रेन में यात्रा के दौरान वाई-फाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, स्पर्श मुक्त जैव शौचालय, एलईडी लाइट, मोबाइल चार्जिंग बिन्दु और उपस्थित यात्रियों तथा मौसम के अनुसार तापमान को कम ज्यादा करने में सक्षम मौसम नियंत्रण प्रणाली जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।