Top Morning News: कोरोना से घबराई दिल्ली, 10 हजार बिस्तरों वाला अस्थाई अस्पताल बनाने की तैयारी में सरकार, पढ़ें अब तक की बड़ी खबरें
By गुणातीत ओझा | Published: June 14, 2020 06:48 AM2020-06-14T06:48:12+5:302020-06-14T06:48:12+5:30
कोरोना वायरसः 10 हजार बिस्तरों वाला अस्पताल बनाने की तैयारी में दिल्ली सरकार
कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली सरकार दक्षिणी दिल्ली में विशाल तंबू में कोरोना वायरस रोगियों के लिये 10 हजार बिस्तरों वाला अस्थायी अस्पताल तैयार करने की योजना बना रही है। यह प्रस्तावित अस्पताल आध्यात्मिक संगठन राधा स्वामी सत्संग ब्यास के दक्षिणी दिल्ली स्थित परिसर में स्थापित किया जाएगा। राधा स्वामी सत्संग, भाटी माइंस के सचिव विकास सेठी ने कहा कि संगठन का हरा-भरा परिसर दिल्ली-हरियाणा सीमा के नजदीक स्थित है। कोविड-19 अस्पताल की लंबाई 1700 फुट जबकि चौड़ाई 700 फुट होगी। जिसमें 50-50 बिस्तर वाले 200 बाड़े होंगे। उन्होंने कहा कि यह इस तरह का दिल्ली का सबसे बड़ा अस्थायी अस्पताल होगा। जून के अंत तक इसका काम पूरा होने की उम्मीद है।
दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों को कोविड-19 के इलाज पर आने वाला खर्च साझा करने कहा
सोशल मीडिया पर एक निजी अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में अत्यधिक खर्च आने की चर्चा होने के बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि उन्होंने सभी अस्पतालों से शुल्क का ब्योरा मांगा है। साथ ही, इसका अवलोकन करने के बाद किसी इस पर कदम उठाने के बारे में निर्णय किया जाएगा। मैक्स अस्पताल का दर सूची (रेट कार्ड) शुक्रवार को सोशल मीडिया पर फैल गया। जहां कई लोगों ने इस बात का जिक्र किया कि आम आदमी के लिये ये शुल्क अत्यधिक हैं। दर सूची में यह अंकित है कि अस्पताल वेंटिलेटर के साथ आईसीयू के लिये 72,000 रुपये ले रहा है। वहीं, यह अस्पताल चलाने वाले मैक्स हेल्थकेयर ने कहा कि सोशल मीडिया पर मौजूद इस दर सूची में सभी तथ्य शामिल नहीं हैं, जैसे कि नियमित जांच, नियमित दवाइयां, चिकित्सक और नर्स के शुल्क आदि को शामिल किया जाना।
फ्लॉयड मौत मामला: पुलिस अधिकारियों के गले में डले कैमरों से खुल सकते हैं घटना के राज
अमेरिका के एक ऑडियो-वीडियो फॉरेंसिक विशेषज्ञ का कहना है कि जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के समय पुलिस अधिकारियों ने जो कैमरे अपने गले में डाल रखे थे, उससे इस मामले में कई राज खुल सकते हैं। हाल ही में अमेरिका के मिनियापोलिस में काले नागरिक फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके बाद से अमेरिका के कई शहरों विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इस घटना का एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक पुलिस अधिकारी डेरेक शॉविन ने हथकड़ी फ्लॉयड को सरेआम जमीन पर पटककर उनकी गर्दन पर अपना घुटना रख रखा था। उनके तीन साथियों ने भी फ्लॉयड को पकड़ रखा था। इस दौरान सांस लेने में परेशानी के चलते फ्लॉयड की मौत हो गई थी। घटना का यह वीडियो एक राहगीर ने बनाया था।
स्मृति ईरानी ने कोविड-19 महामारी से निपटने में मोदी सरकार का सहयोग करने के लिए दिल्लीवासियों का आभार जताया
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कोविड-19 महामारी से निपटने में मोदी सरकार का सहयोग करने के लिए दिल्लीवासियों का आभार जताया और साथ ही भरोसा दिलाया कि चुनौतीपूर्ण समय के दौरान हमेशा की तरह प्रधानमंत्री उनके साथ खड़े हैं। भाजपा की दिल्ली इकाई की ओर से आयोजित डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए ईरानी ने महामारी में जान गंवाने वालों के परिजन के प्रति संवेदना प्रकट की और आश्वासन दिया कि जब भी जरूरत होगी पार्टी के कार्यकर्ता उनकी सहायता के लिए तैयार रहेंगे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अग्रिम पंक्ति में कार्यरत कर्मचारियों को ''योद्धा'' करार दिया और महामारी से निपटने के संकल्प को और मजबूती प्रदान की। ईरानी ने कहा कि मोदी सरकार ने ''वंदे भारत अभियान'' के जरिए 1. 75 लाख भारतीयों को उनके घर तक पहुंचाया और लाखों प्रवासी मजदूरों को उनके गांव तक पहुंचाने के लिए 4,300 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलवायीं।
अर्थव्यवस्था में सरकार ने नकदी नहीं डाली तो गरीब तबाह हो जाएंगे और पूंजीपति देश के मालिक बन जाएंगे: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दावा किया कि अगर सरकार ने अर्थव्यवस्था को शुरू करने के लिए नकद राशि खर्च नहीं की तो देश के गरीब तबाह हो जाएंगे और सांठगांठ वाले पूंजीपति (क्रोनी कैपिटलिस्ट) देश के मालिक बन जाएंगे। उन्होंने एक निजी कंपनी में छंटनी से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘अगर भारत सरकार अर्थव्यवस्था को शुरू करने के लिए अब नकद नहीं डालती है तो गरीब तबाह हो जाएंगे, मध्य वर्ग नया गरीब हो जाएगा। सांठगांठ वाले पूजी पूरे देश के मालिक बन जाएंगे।’’ गौरतलब है कि कोरोना वायरस से जुड़े संकट के आरंभ होने के बाद से यह मांग कर रही है कि देश में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को अगले कुछ महीनों के लिए 7500 रुपये मासिक की मदद दी जाए और छोटे कारोबारों तथा नौकरियां बचाने के लिए भी वित्तीय पैकेज दिया जाए।