ग्रेटा थनबर्ग को टूलकिट मामले में राहत मिलने के आसार, नहीं मिला अभी तक पीजेएफ या एसएफजे से कोई संबंध

By हरीश गुप्ता | Published: February 19, 2021 10:47 AM2021-02-19T10:47:03+5:302021-02-19T10:47:03+5:30

टूलकिट मामले में जांच कर रही दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच में ग्रेटा थनबर्ग और खालिस्तानी संगठनों के बीच कोई संबंध स्थापित नहीं हो सका है. ऐसे में ग्रेटा को राहत मिल सकती है.

Toolkit case Greta Thunberg may get relief from Delhi police as no khalistan connection found | ग्रेटा थनबर्ग को टूलकिट मामले में राहत मिलने के आसार, नहीं मिला अभी तक पीजेएफ या एसएफजे से कोई संबंध

टूलकिट मामले में ग्रेटा थनबर्ग को राहत मिलने के आसार (फाइल फोटो)

Highlightsपुलिस सूत्रों के अनुसार ग्रेटा थनबर्ग और खालिस्तानी संगठनों के बीच कोई कनेक्शन नहीं मिल सका है सूत्रों के अनुसार पुलिस और खफिया एजेंसियों का मानना है कि ग्रेटा ने दिशा रवि के कहने पर टूलकिट शेयर कियादिशा रवि की भी अभी तक पीजेएफ से सीधी लिंक स्थापित नहीं हो सकी है, पुलिस को पूछताछ से जानकारी मिलने की उम्मीद

नई दिल्ली: शुरुआती गर्मजोशी के बाद अब सरकार ने पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ कार्रवाई से हाथ पीछे खींच लिए दिखते हैं. आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ग्रेटा का विवाद का विषय बने 'टूलकिट' में कोई हाथ नहीं था.

व्हाट्सएप्प, गूगल, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि पर भारी-भरकम आंकड़ों की छानबीन के बाद दिल्ली पुलिस का यह निष्कर्ष है कि ग्रेटा ने टूलकिट को दिशा रवि के उकसाने पर ही ट्वीट किया था. इस मामले में निकिता जैकब और शांतनु मुलुक की भूमिका का खुलासा होना बाकी है.

दिशा रवि के कहने पर ग्रेटा ने टूलकिट दोबारा अपलोड किया: सूत्र

पुलिस सूत्रों के मुताबिक मूल टूलकिट को ग्रेटा ने डिलिट कर दिया था, लेकिन दिशा रवि के कहने पर दोबारा अपलोड कर दिया. फिलहाल तो क्लीन चिट गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक अब तक जांचे गए दस्तावेजों और आंकड़ों में ग्रेटा और खालिस्तानी संगठनों के बीच कोई संबंध स्थापित नहीं हो सका है.

यही वजह है कि पुलिस ने एफआईआर में ग्रेटा का नाम न जोड़कर 'अज्ञात लोगों के खिलाफ'मामला दर्ज किया है. फिलहाल तो ग्रेटा को किसी भी किस्म के आपराधिक मामले से क्लीनचिट दे दी गई है.

जांच पीजेएफ पर केंद्रित पुलिस की जांच दरअसल एक खालिस्तान समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीजेएफ) के ईद-गिर्द केंद्रित रही है. यह संगठन संभवतया प्रतिबंधित तो नहीं है, लेकिन इसके सदस्य हमेशा जांच के दायरे में रहे हैं.

दिशा रवि, निकिता और शांतनु से पूछताछ पर और जानकारी की उम्मीद

दिल्ली पुलिस को दिशा रवि, निकिता और शांतनु से पूछताछ के बाद और जानकारी सामने आने की उम्मीद है. यह सभी पीजेएफ से संबद्ध रहे हैं.

संयोगवश दिशा रवि की भी अभी तक पीजेएफ से सीधी लिंक स्थापित नहीं हो सकी है. लेकिन पीजेएफ के तार यूएपीए के तहत प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़े हो सकते हैं.

Web Title: Toolkit case Greta Thunberg may get relief from Delhi police as no khalistan connection found

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