Today's Top 5 News: दिल्ली चुनाव में मिली हार पर बीजेपी की बैठक, निर्भया मामले में दोषी विनय की याचिका पर आज फैसला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 14, 2020 07:39 AM2020-02-14T07:39:46+5:302020-02-14T07:40:28+5:30
जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत अपने भाई और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखे जाने को चुनौती देने वाली सारा अब्दुल्ला पायलट की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली नयी पीठ सुनवाई करेगी।
भाजपा ने दिल्ली में हार की समीक्षा के लिए आज बैठक
दिल्ली चुनाव में भाजपा ने विभिन्न निर्वाचन क्षेत्र में अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली इकाई के कार्यालय में बैठकों की योजना बनाई है। पार्टी के हारने वाले उम्मीदवारों, विभिन्न क्षेत्रों के प्रभारियों, सांसदों, दिल्ली इकाई के पदाधिकारियों और अन्य लोगों के साथ अलग अलग बैठकें की जाएंगी। पार्टी की दिल्ली इकाई इन बैठकों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करेगी जो केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी।
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा नेताओं ने शुरूआती दौर की समीक्षा की और पार्टी सूत्रों ने कहा कि चुनाव में भाजपा के मत प्रतिशत में वृद्धि होने के बावजूद मुकाबले के ‘‘द्विध्रुवी’’ हो जाने के कारण उसे हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और महासचिव (संगठन) बी एल संतोष से बृहस्पतिवार को मुलाकात की। पार्टी मुख्यालय में हुयी यह बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में नेताओं ने महसूस किया कि पार्टी पूरे जोश के साथ चुनाव लड़ी और इसके परिणामस्वरूप उसके और उसके सहयोगियों के मतों में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई। लेकिन चुनाव के "द्विध्रुवी’’ हो जाने के कारण उसे हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस कभी दिल्ली में प्रमुख पार्टी होती थी लेकिन इस बार वह मुकाबले में कहीं नहीं थी। अरविंद केजरीवाल नीत सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में से 62 सीटें जीतीं जबकि शेष आठ सीटें भाजपा के खाते में गयी। कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी। अपने सहयोगियों के साथ भाजपा को मिले मत प्रतिशत बढ़कर करीब 40 हो गए। वहीं आप का मत प्रतिशत लगभग 53.5 प्रतिशत रहा जो पिछले विधानसभा चुनावों के लगभग समान है। बैठक में महसूस किया गया कि भविष्य में, पार्टी को राष्ट्रीय राजधानी में द्विध्रुवी मुकाबले के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।
निर्भया: दया याचिका खारिज होने के खिलाफ विनय की याचिका पर फैसला शुक्रवार को
उच्चतम न्यायालय ने 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज किये जाने के खिलाफ दायर याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी की। न्यायालय इस याचिका पर शुक्रवार को अपनी व्यवस्था देगा। विनय शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उसकी दया याचिका विद्वेषपूर्ण तरीके से खारिज की गयी है। इस दोषी ने अपनी मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का न्यायालय से अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने विनय शर्मा की याचिका पर करीब दो घंटे तक सुनवाई के बाद कहा कि इस पर शुक्रवार को अपराह्न दो बजे आदेश सुनाया जायेगा। विनय ने अपनी याचिका में दलील दी है कि जेल में ‘कथित यातनाओं और दुर्व्यवहार’ की वजह से वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गया। शर्मा के वकील ए पी सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति ने विद्वेषपूर्ण तरीके से उनके मुवक्किल की दया याचिका खारिज की है क्योंकि इस मामले से सबंधित सारा रिकार्ड उनके समक्ष नहीं रखा गया था।
उमर अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को नयी पीठ करेगी सुनवाई
जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत अपने भाई और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखे जाने को चुनौती देने वाली सारा अब्दुल्ला पायलट की याचिका पर शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली नयी पीठ सुनवाई करेगी। याचिका शुक्रवार को सुनवाई के लिए लिए दो न्यायाधीशों की नयी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गयी है । इस नयी पीठ में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी भी हैं । न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौडर बुधवार को बिना कोई कारण बताए मामले में सुनवाई से अलग हो गए थे । पायलट की याचिका न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना, न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौडर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी थी । पायलट ने 10 फरवरी को शीर्ष अदालत का रूख कर जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून 1978 के तहत अपने भाई की हिरासत को ‘‘अवैध’’ बताया और कहा कि शांति व्यवस्था बहाल रखने को लेकर उनसे किसी खतरे का सवाल ही नहीं उठता । याचिका में पीएसए के तहत पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखने के पांच फरवरी के आदेश को खारिज करने और उन्हें अदालत के समक्ष हाजिर करने की मांग की गयी ।
भड़काऊ भाषण देने के आरोपी डॉ. कफील की मथुरा जेल से शुक्रवार को जमानत पर रिहाई के आसार
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोपी गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रवक्ता डॉ कफील खान के जमानत के आदेश देर से पहुंचने के कारण गुरुवार को मथुरा जिला कारागार से रिहाई नहीं हो पाई। कफील यहां न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध हैं। जेल प्रशासन ने शुक्रवार को रिहाई की संभावना जताई है। मथुरा जिला कारागार के जेलर अरुण पाण्डेय ने बताया, ‘चूंकि कफील खान की रिहाई का आदेश देर शाम मिला है इसलिए उनकी रिहाई आज न होकर शुक्रवार की सुबह हो पाएगी।’ नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी एवं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के मुद्दे पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण को लेकर डॉ कफील खान पर मुकदमा दर्ज किया गया था। 29 जनवरी की रात को उप्र की स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा मुम्बई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर कफील को अलीगढ़ में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था। जहां से पहले अलीगढ़ जिला जेल भेजा गया था तथा एक घण्टे बाद ही मथुरा के जिला कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया था। तब से वह यहीं पर निरुद्ध है। डा. कफील के भाई आदिल अहमद खान ने सोशल मीडिया के जरिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दस फरवरी को जारी रिहाई आदेश की प्रति उपलब्ध कराते उनकी जमानत की जानकारी दी। गौरतलब है कि गत वर्ष अगस्त माह में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. कफील खान उस समय मीडिया की सुर्खी बन गए थे जब वहां एक साथ बड़ी तादाद में बच्चों की मौत हो गई थी। जिसका कारण ऑक्सीजन की कमी बताया गया था और इस मामले में राज्य सरकार द्वारा उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
दूरसंचार कंपनियों के एजीआर बकाये संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई
दूरसंचार कंपनियों पर सरकार के बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के भुगतान की नई समयसीमा तय करने संबंधी कंपनियों की याचिका पर उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को सुनवाई करेगा। यह याचिका भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलिसविर्सिज ने दायर की है। इन कंपनियों को दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपये के पुराने सांविधिक बकाये का भुगतान करना है। उच्चतम न्यायालय की न्यायमूर्ति अरुण मिश्र, एस अब्दुल नजीर और एम आर शाह की पीठ दूरसंचार कंपनियों द्वारा दायर याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करेगी। इस याचिका में दूरसंचार सेवा देने वाली इन कंपनियों ने एजीआर संबंधी बकाये का भुगतान करने के लिये न्यायालय से अधिक समय दिये जाने की गुहार लगाई है। दूरसंचार कंपनियां समायोजित सकल राजस्व के बकाये का भुगतान करने के लिये नई समय सारिणी चाहती हैं। यह भुगतान दूरसंचार विभाग को किया जाना चाहिये। विभाग ने कंपनियों को इस संबंध में मांग नोटिस भेजे थे जिसे कंपनियों ने अदालत में चुनौती दी थी। इससे पहले 16 जनवरी को न्यायमूर्ति अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने दूरसंचार कंपनियों की फैसले की समीक्षा करने की याचिका को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने दूरसंचार कंपनियों को 23 जनवरी 2020 तक एजीआर बकाये का 1.47 लाख करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया था।
पुलवामा हमले में शहीद 40 सीआरपीएफ जवानों की याद में बने स्मारक का उद्घाटन आज
पिछले साल फरवरी में हुए पुलवामा आतंकी हमले में शहीद 40 सीआरपीएफ कर्मियों की याद में बनाए गए स्मारक का लेथपुरा कैंप में शुक्रवार को उद्घाटन किया जाएगा। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने गुरुवार को स्मारक स्थल का दौरा करने के बाद कहा, '' यह उन बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देने का तरीका है जिन्होंने हमले में अपनी जान गंवाई।’’ स्मारक में उन शहीद जवानों के नामों के साथ ही उनकी तस्वीरें भी होंगी। साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का ध्येय वाक्य ‘‘सेवा और निष्ठा’’भी होगा। हसन ने यहां पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘निश्चित रूप से यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और हमने इससे सीख ली है। हम अपनी आवाजाही के दौरान हमेशा सतर्क रहते थे, लेकिन अब सतर्कता और बढ़ गयी है।’’ उन्होंने कहा कि 40 जवानों के सर्वोच्च बलिदान ने देश के दुश्मनों को खत्म करने का हमारा संकल्प मजबूत बना दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान अतिरिक्त जोश से लड़ते हैं और यही कारण है कि अपने जवानों पर हमले के तुरंत बाद हम जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों को खत्म करने में सफल रहे।’’ उन्होंने हालांकि उन सावधानियों के बारे में बताने से इंकार किया जो पिछले साल 14 फरवरी के हमले के बाद जवानों की आवाजाही के दौरान बरती जाती हैं।