नई दिल्ली, 13 सितंबर: 17 सितंबर से राष्ट्रीय संघ सेवक (आरएसएस) के कार्यक्रम 'भविष्य का भारत' का आयोजन होने जा रहा है। विज्ञान भवन में तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के लिए संघ विश्व भर के 70 देशों को निमंत्रण भेजने वाला है। अपने इस कार्यक्रम के लिए संघ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को निमंत्रण भेजने वाला है, जिस अटकल को लेकर पिछले कुछ दिनों से आरएसएस का ये कार्यक्रम सुर्खियों में है।
आजतक की खबर की माने तो आरएसएस अपने कार्यक्रम के लिए राहुल गांधी को निजी तौर पर आमंत्रित करने की योजना बना रहा है। साथ ही इस कार्यक्रम में 70 चिन्हित देशों हाई कमिशन को निमंत्रण भेजने वाला है। वही आरएसएस के गेस्ट लिस्ट में पड़ोसी देश को जगह नहीं मिली है।
गौरतलब है कि जबसे मीडिया में ये खबर आई थी कि राष्ट्रीय संघ सेवक (आरएसएस) राहुल गांधी को व्याख्यान सीरीज में आमंत्रित कर सकता है। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत और कई वरिष्ठ नेताओं ने राहुल को निमंत्रण स्वीकार नहीं करने को कहा है।
मल्लिकार्जुन खड़गे कहा था कि राहुल या पार्टी के किसी अन्य नेता के आरएसएस कार्यक्रम में भाग लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। यह सब चुनावी कवायद है। अगर राहुल मुझसे वहां जाने के बारे में पूछेंगे तो मैं यही कहूंगा कि वहां जाने का कोई सवाल ही नहीं है। ऐसे लोगों से मंच साझा करने की जरूरत नहीं।'
गौरतलब है कि इससे पहले आरएसएस वालों ने अपने कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी को बुलाया था। प्रणब मुखर्जी ने न्यौता स्वीकार करते हुए कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे, जिसके बाद जमकर बवाल हुआ था। उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी समेत कई कांग्रेसी नेता नाराज हो गए थे।