भाषण चोरी के आरोपों पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का पलटवार, कहा- सच्चाई साहेब को चुभ गई!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 3, 2019 06:19 PM2019-07-03T18:19:56+5:302019-07-03T18:19:56+5:30
महुआ मोइत्रा ने कहा कि जिस लेख की चोरी के आरोप लग रहे हैं उसके लेखक ने ही साफ कर दिया है कि भाषण चोरी का नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस की नवनिर्वाचित सांसद महुआ मोइत्रा संसद में दिए अपने पहले ही भाषण के चलते सुर्खियों में हैं। महुआ मोइत्रा के 10 मिनट के भाषण को लोग काफी पसंद कर रहे हैं जिसमें उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर देश को फासीवाद की तरफ ले जाने का आरोप लगाया।
मोहुआ के भाषण पर चोरी का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने ट्वीट किया, 'जो लोग महुआ मोइत्रा के भाषण पर तालियाँ पीट रहे थे उन्हें जानना चाहिए कि वो शब्द उन्होंने कहाँ से चुराए थे। संसद में एक अमेरिकी वेबसाइट से चुराया भाषण देने पर उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही होनी चाहिए।'
यही है अमेरिकी वेब्सायट का वो लेख जिसे तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने चुराकर लोक सभा में अपने भाषण में इस्तेमाल कर लिया।हुबहू बिलकुल वही शब्द लेख से सीधे उठा लिए और बोल दिए।संसद की गरिमा ख़तरे में है। https://t.co/4iP3YieHXApic.twitter.com/HxaHqqdxKS
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) July 2, 2019
महुआ मोइत्रा ने इस पर पलटवार किया है। उन्होंने आर्टिकल के लेखक का एक ट्वीट दिखाते हुए कहा कि वो खुद बोल रहे हैं कि मेरा आर्टिकल चुराने की बात गलत है। हर देश में ऐसे बेहूदा दक्षिणपंथी होते हैं। महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करके साफ किया कि उनका भाषण चोरी का नहीं है। भाषण की सच्चाई साहेब को चुभ गई है इसलिए वो सच को डिस्क्रेडिट करने में लग गए हैं।
#WATCH TMC MP Mahua Moitra responds to media on allegations that her maiden speech in Parliament was plagiarized, quotes American commentator Martin Longman's tweet "right-wing a**holes seem to be similar in every country." pic.twitter.com/dU8UDMBirP
— ANI (@ANI) July 3, 2019
गौरतलब है कि संसद में पहली बार बोलते हुए महुआ ने सात संकेतों का जिक्र किया और अमरीका के 'होलोकॉस्ट मेमोरियल म्यूज़ियम' की मेन लॉबी में साल 2017 में प्रदर्शित एक पोस्टर का हवाला दिया। जर्मनी में 1940 के दशक के दौरान नाज़ी हुकूमत के तहत यहूदियों की सामूहिक हत्या को याद करने के लिए बने मेमोरियल म्यूज़ियम में 2017 में लगाए गए पोस्टर में फासीवाद के शुरुआती संकेतों की सूची छपी है।