Tirupati Laddu Row: कम से कम देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाएगा?, करोड़ों लोगों की भावनाएं!, तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 30, 2024 04:11 PM2024-09-30T16:11:53+5:302024-09-30T16:12:45+5:30

Tirupati Laddu Row: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि यह आस्था का मामला है और अगर लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया है तो यह अस्वीकार्य है।

Tirupati Laddu Row At least Gods kept away politics Sentiments crores hindu, Supreme Court asks Andhra Pradesh government ghee prasadam  | Tirupati Laddu Row: कम से कम देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाएगा?, करोड़ों लोगों की भावनाएं!, तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा

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Highlightsपीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए तीन अक्टूबर की तारीख निर्धारित की। तिरुपति मंदिर के लड्डू तैयार करने में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था।नायडू ने राजनीतिक लाभ के लिए ‘‘घृणित आरोप’’ लगाया है।

Tirupati Laddu Row: तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद में उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कम से कम देवताओं को तो राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। साथ ही न्यायालय ने सबूत मांगते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के इस दावे पर सवाल उठाया कि तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया गया। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने उल्लेख किया कि मुख्यमंत्री ने संबंधित दावा 18 सितंबर को किया, जबकि मामले में प्राथमिकी 25 सितंबर को दर्ज की गई और विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन 26 सितंबर को किया गया। पीठ ने कहा, ‘‘...एक उच्च संवैधानिक पदाधिकारी के लिए सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान देना उचित नहीं है जो करोड़ों लोगों की भावनाओं को प्रभावित कर सकता है।’’

इसने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह निर्णय लेने में सहायता करने को कहा कि क्या राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए। पीठ कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में पशु चर्बी के कथित इस्तेमाल की अदालत की निगरानी में जांच की मांग भी शामिल है।

सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस बात का सबूत मांगा कि तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था। पीठ ने कहा, ‘‘कम से कम, हम उम्मीद करते हैं कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाएगा।’’ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि यह आस्था का मामला है और अगर लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया है तो यह अस्वीकार्य है।

पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए तीन अक्टूबर की तारीख निर्धारित की। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस महीने की शुरुआत में दावा किया था कि राज्य में पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू तैयार करने में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। इससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था। वाईएसआर कांग्रेस ने आक्षेप लगाया था कि नायडू ने राजनीतिक लाभ के लिए ‘‘घृणित आरोप’’ लगाया है।

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