NASA रॉवर चैलेंज में भारत की तीन टीमों ने जीते अवार्ड
By भाषा | Published: April 15, 2019 04:51 PM2019-04-15T16:51:16+5:302019-04-15T17:30:06+5:30
नासा ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में केआईईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की टीम ने ‘‘एआईएए नील आर्मस्ट्रांग बेस्ट डिजाइन अवार्ड’’ जीता जो रोवर चैलेंज की जरुरतों को पूरा करने के लिए बनाई सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों के लिए दिया जाता है।
नासा ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के वार्षिक ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज के तौर पर भारत की तीन टीमों को पुरस्कार दिया है। इस चैलेंज के तहत हाई स्कूल और कॉलेज के छात्रों को चांद और मंगल ग्रहों पर भविष्य के अभियान के लिए रोविंग यान निर्मित करने तथा उनका परीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
नासा ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में केआईईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की टीम ने ‘‘एआईएए नील आर्मस्ट्रांग बेस्ट डिजाइन अवार्ड’’ जीता जो रोवर चैलेंज की जरुरतों को पूरा करने के लिए बनाई सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों के लिए दिया जाता है।
महाराष्ट्र में मुंबई के मुकेश पटेल स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग ने ‘‘फ्रैंक जो सेक्सटन मेमोरियल पिट क्रू अवार्ड’’जीता। पंजाब के फगवाड़ा की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की टीम ने रॉकेट और अन्य अंतरिक्ष संबंधित विषयों पर दिए जाने वाले ‘‘स्टेम एन्गेजमेंट अवार्ड’’ दिया।
इस प्रतियोगिता में करीब 100 टीमों ने भाग लिया। इसमें अमेरिका, बांग्लादेश, बोलिविया, ब्राजील, डोमिनिक गणराज्य, मिस्र, इथियोपिया, जर्मनी, मैक्सिको, मोरक्को और पेरू समेत रिकॉर्ड संख्या में देशों ने भाग लिया।
भारतीय मूल के अमेरिकी छात्र नीत टीम के क्यूबसैट को नासा करेगी प्रक्षेपित
नासा ने भारतीय मूल के अमेरिकी छात्र की अगुवाई वाली एक टीम को चुना है जो अपने क्यूबसैट को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के भविष्य के मिशनों के लिए अंतरिक्ष में भेज सकते हैं। क्यूबसैट अनुसंधान करने वाला एक लघु उपग्रह है जो ब्रह्माण्डीय किरणों का पता लगा सकता है।
केशव राघवन (21) की अगुवाई में येल अंडरग्रेजुएट एअरोस्पेस एसोसिएशन (वाईयूएए) के अनुसंधानकर्ताओं की टीम देश भर की उन 16 टीमों में शामिल है जिनके क्यूबसैट को 2020, 2021 और 2022 में अंतरिक्ष में भेजे जाने की योजना है।
टीम के क्यूबसैट बलास्ट (बोशेट लो अर्थ अल्फा/ बीटा स्पेस टेलीस्कोप) का नाम भौतिकीविद् एडवर्ड ए बोशेट के नाम पर रखा गया है जो अमेरिका में पीएचडी प्राप्त करने वाले पहले अफ्रीकी अमेरिकी हैं। छात्रों ने चार साल में इस उपग्रह को तैयार किया और नासा के क्यूबसैट लॉन्च इनिशिएटिव प्रतियोगिता के जरिए प्रक्षेपण की अनुमति प्राप्त की।