"जो 'नफरत की दुकान' चलाते हैं, उन्हें अब दुकान बंद करनी होगी", प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राहुल गांधी पर हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 30, 2023 07:49 IST2023-07-30T07:45:19+5:302023-07-30T07:49:51+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर एक बार फिर सीधा हमला करते हुए कहा कि जो लोग अपने स्वार्थ के लिए भाषा पर राजनीति करते हैं, अपनी 'नफरत की दुकान' चलाते हैं, उन्हें अब अपनी दुकान बंद करनी होगी।'

फाइल फोटो
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर एक बार फिर सीधा हमला किया। पीएम मोदी ने बीते शनिवार को परिवर्तनकारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी ) में भारतीय भाषाओं को दिये उचित प्रतिनिधित्व पर अपनी बात रखते हुए कहा, "जो लोग अपने स्वार्थ के लिए भाषा पर राजनीति करते हैं, अपनी 'नफरत की दुकान' चलाते हैं, उन्हें अब अपनी दुकान बंद करनी होगी।''
समाचार बेवसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिवर्तनकारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने भारतीय भाषाओं को उचित महत्व दिया है, जिससे देश में फैली भाषा आधारिक भेदभाव के युग के अंत हो गया है क्योंकि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के साथ अंग्रेजी के नाम पर बड़ा भेदभाव बोता था और उनके लिए अवसरों के दरवाजे भाषा के आधार पर बंद हो जाते थे।
एनईपी की लॉन्चिंग की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा 2020 से पहले देश में कितना बड़ा अन्याय होता था जब छात्रों को उनकी प्रतिभा और क्षमताओं के बजाय उनकी भाषा के आधार पर आंका जात था।
उन्होंने कहा, "सरकार ने एनईपी के जरिये भारत में युवा प्रतिभाओं के लिए शिक्षा में मातृभाषा को स्थान देकर वास्तविक न्याय की शुरुआत की है। मातृभाषा में शिक्षा सामाजिक न्याय की दिशा में भी एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है।”
पीएम मोदी ने कहा, ''एनईपी देश की हर भाषा को उचित सम्मान और श्रेय देगी और इससे विद्यार्थियों में नये उत्साह का संचार होगा।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "छात्र कितना भी इनोवेटिव क्यों न हो, अगर वह अंग्रेजी में पारंगत नहीं है तो उसे उसका हक नहीं दिया जाता है। इस वजह से ग्रामीण भारत के मेधावी बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र में भी मैं भारतीय भाषाओं में बात करता हूं।"
उन्होंने कहा, "यूएन में भारतीय भाषा में दिये भाषण को समझने में भले ही अन्य लोगों को परेशानी हो, श्रोताओं को ताली बजाने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन यह ठीक है। यह बेहद अफसोस की बात है कि समृद्ध विविधता के बावजूद भारतीय भाषाओं को उचित महत्व नहीं दिया गया।"
पीएम ने कहा कि एनईपी ग्रामीण पृष्ठभूमि के लोगों के लिए अवसरों की नये विकल्प की खिड़कियां खोलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि देश 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा और नए शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के तहत तैयार होने वाले बच्चे नए भारत के निर्माता होंगे।
उन्होंने कहा, "भारत को पूरी दुनिया नई संभावनाओं की नर्सरी के रूप में देख रही है। कई देश वहां आईआईटी कैंपस खोलने के लिए हमसे संपर्क कर रहे हैं। विभिन्न वैश्विक विश्वविद्यालय भी भारत में कैंपस स्थापित करने में अपनी रुचि व्यक्त करते हुए हमसे संपर्क कर रहे हैं।"
पीएम मोदी ने कहा, "अमृतकाल गुलामी की मानसिकता से मुक्त होकर नए आविष्कारों के लिए उत्सुक है। इससे एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण होगा, जो 21वीं सदी के भारत की जरूरतों को समझेगी।"