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कश्मीर में बिजली संकट बढ़ा, टूरिस्‍ट सीजन में बिजली कटौती से बैकअप भी नहीं, अब पर्यटकों को..

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 27, 2024 14:49 IST

बिजली की बढ़ती कटौती का हम पर बुरा असर पड़ रहा है, यहां तक कि हमारा बिजली बैकअप भी चार्ज नहीं हो पा रहा है। और हम हर बार जेनसेट के इस्तेमाल पर निर्भर नहीं रह सकते, क्योंकि इसमें बहुत अधिक खर्च शामिल होता है।

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ठळक मुद्देकश्मीर में बिजली कटौती से संकट बढ़ाअब इन्हें भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता हैबिजली बैकअप भी चार्ज नहीं हो पा रहा है- हाउसबोट मालिकों ने कहा

जम्‍मू: कश्‍मीर में इस बार गर्मियों में लोगों को जबरदस्‍त बिजली की कमी और नतरजतन कटौती का जबरदस्‍त सामना करना होगा। परिणामस्‍वरूप यह टूरिस्‍ट सीजन के लिए आत्‍म्‍घाती करार दिया जाने लगा है। दरअसल सीमित बिजली उपलब्धता के संबंध में कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड की हालिया घोषणा ने पर्यटन क्षेत्र के हितधारकों, विशेष रूप से हाउसबोट मालिकों और होटल व्यवसायियों के बीच चिंता पैदा कर दी है, जो कहते हैं कि वे आगंतुकों के लिए अपनी सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव से जूझ रहे हैं।

कश्मीर हाउसबोट एसोसिएशन के अध्यक्ष मंजूर अहमद पख्तून ने पत्रकारों से बात करते हुए बिजली कटौती में बढ़ोतरी पर निराशा व्यक्त की और कहा कि इससे यहां रहने वाले पर्यटकों को संतोषजनक सेवाएं प्रदान करने की हाउसबोट की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि बिजली की बढ़ती कटौती का हम पर बुरा असर पड़ रहा है, यहां तक कि हमारा बिजली बैकअप भी चार्ज नहीं हो पा रहा है। और हम हर बार जेनसेट के इस्तेमाल पर निर्भर नहीं रह सकते, क्योंकि इसमें बहुत अधिक खर्च शामिल होता है। पख्तून कहते थे कि कि अगर बिजली की स्थिति बनी रहती है, तो यह आगंतुकों पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा, और सरकार और हितधारकों द्वारा पर्यटन क्षेत्र और गंतव्य प्रचार प्रयासों को कमजोर करेगा।

जेएंडके होटलियर्स क्लब के महासचिव तारिक गनी ने भी बिजली संकट के कारण होटल व्यवसायियों के संघर्ष पर प्रकाश डाला। गनी ने कहा कि हमें जेनसेट पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे भारी खर्च होता है। यह हमारी सीमा से परे जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्रीय रेल एवं पेट्रोलियम मंत्री की हालिया कश्मीर यात्रा के दौरान उनके समक्ष यह मुद्दा उठाया था, जिस पर उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।

गनी के बकोल, अगर हमारे कमरे का टैरिफ 5000 रुपये है, तो हमें कमरे को सुविधाओं से जगमग रखने के लिए लगभग उतनी ही राशि खर्च करनी पड़ती है और जब टैरिफ में वृद्धि होती है, तो हंगामा मच जाता है। यह हमारी सीमा से बाहर जा रहा है, हम सीमित बिजली के साथ अपना व्यवसाय कैसे चला सकते हैं। गनी कहते थे कि होटल उद्योग को सुचारू रूप से चलाने के लिए कम से कम 20 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

विशेष रूप से, केपीडीसीएल ने इस सप्ताह की शुरुआत में सीमित बिजली उपलब्धता और घाटी में बिजली कटौती में अपरिहार्य वृद्धि के बारे में कहा था। निगम ने उपभोक्ताओं से स्थिति को सहन करने और बिजली का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने का आग्रह किया, खासकर पीक आवर्स के दौरान। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, केपीडीसीएल ने कहा, "सीमित बिजली उपलब्धता के कारण, बिजली कटौती में अपरिहार्य वृद्धि हुई है। बिजली उपलब्धता में सुधार होने पर इन प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी।"

निगम ने जिम्मेदार बिजली उपयोग पर जोर देते हुए उपभोक्ताओं से स्वीकृत भार से अधिक और हुकिंग से बचने की अपील की। होटल व्यवसायियों और हाउसबोट मालिकों ने कहा कि मौजूदा बिजली संकट कश्मीर में पर्यटन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है, जिससे घाटी में पर्यटन सेवा क्षेत्र के व्यवसायों के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरJammuSrinagar
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