कर्नाटक: CM के राजनीतिक सचिव ने मदरसों को बंद करने की मांग की, कहा- वे कभी 'भारत माता की जय' नहीं कहेंगे
By विशाल कुमार | Published: March 27, 2022 10:45 AM2022-03-27T10:45:54+5:302022-03-27T10:50:25+5:30
कर्नाटक में पिछले कुछ महीनों से जारी हिजाब विवाद के बीच रेणुकाचार्य यह टिप्पणी आई है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने हालिया फैसले में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध के सरकार के आदेश को बरकरार रखा है।
बेंगलुरु:कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के राजनीतिक सचिव और विधायक एमपी रेणुकाचार्य ने शनिवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मदरसों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करेंगे क्योंकि वे केवल राष्ट्र विरोधी तत्व पैदा कर रहे हैं।
कर्नाटक में पिछले कुछ महीनों से जारी हिजाब विवाद के बीच रेणुकाचार्य यह टिप्पणी आई है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने हालिया फैसले में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध के सरकार के आदेश को बरकरार रखा है।
उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस नेताओं से पूछता हूं कि हमें स्कूलों की जगह मदरसों की जरूरत क्यों है? वे मदरसों में क्या प्रचार करते हैं? वे मासूम बच्चों को उकसाने का प्रचार करते हैं। कल वे हमारे देश के खिलाफ जाएंगे और कभी भारत माता की जय नहीं कहेंगे।
रेणुकाचार्य ने कहा कि वे मदरसों में इस तरह के पाठ पढ़ा रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मदरसों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध कर रहा हूं। क्या हमारे पास अन्य स्कूल नहीं हैं जहां हिंदू और ईसाई छात्र पढ़ते हैं? आप यहां देश विरोधी पाठ नहीं पढ़ा सकते। मदरसों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए या पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए बनाया जाना चाहिए जो हम दूसरे स्कूलों में पढ़ाते हैं।
इससे पहले शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि राज्य में मदरसा के छात्रों को समकालीन शिक्षा नहीं मिल रही है और मदरसों की मांग है तो सरकार सभी को एक समान शिक्षा देने के लिए तैयार है।
हिजाब विवाद के बीच कई भड़काऊ टिप्पणियों के आदान-प्रदान से कर्नाटक में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने हाल ही में विधानसभा में कहा है कि देश के सभी मुसलमान और ईसाई आज या कल आरएसएस बन जाएंगे।