लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा के लिए करनी होगी माथापच्ची, राह नहीं आसान

By एस पी सिन्हा | Published: December 31, 2023 04:20 PM2023-12-31T16:20:06+5:302023-12-31T16:21:06+5:30

सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने 29 और 30 दिसंबर को दिल्ली में बैठक की। इसमें बिहार को लेकर सबसे मुख्य मंथन हुआ जहां लोकसभा की 40 सीटें हैं। 

There will be a lot of wrangling for the distribution of seats in the Indian alliance in the Lok Sabha elections, the path is not easy | लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा के लिए करनी होगी माथापच्ची, राह नहीं आसान

लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा के लिए करनी होगी माथापच्ची, राह नहीं आसान

Highlightsसीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने 29 और 30 दिसंबर को दिल्ली में बैठक कीइसमें बिहार को लेकर सबसे मुख्य मंथन हुआ जहां लोकसभा की 40 सीटें हैंकांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार में 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था हालांकि कांग्रेस को सिर्फ एक सीट किशनगंज में जीत मिली थी

पटना: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इंडिया गठबंधन बन जाने के बाद भी अभी तक लोकसभा सीटों के बंटवारे का पेंच नहीं सुलझा है। इस बीच, कांग्रेस की एक मांग ने नीतीश कुमार के साथ ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का तनाव बढ़ा दिया है। सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने 29 और 30 दिसंबर को दिल्ली में बैठक की। इसमें बिहार को लेकर सबसे मुख्य मंथन हुआ जहां लोकसभा की 40 सीटें हैं। 

कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार में 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था। हालांकि कांग्रेस को सिर्फ एक सीट किशनगंज में जीत मिली थी। साथ ही पार्टी को चुनाव में सिर्फ 7.9 फीसदी वोट मिला था। ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि एक बार फिर से वर्ष 2024 में भी पार्टी इतने ही सीटों पर चुनाव लड़े। इसके लिए कांग्रेस की बैठक में चर्चा भी हुई है। 

बिहार प्रदेश काग्रेस के अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने साफ किया है कि हमने 9 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है। जैसे पिछले चुनाव में 9 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी उतरे थे इस बार भी उसी योजना के तहत हम उम्मीदवार उतारेंगे। हालांकि अभी सहयोगी दलों के साथ वार्ता के बाद अंतिम निर्णय होगा। कांग्रेस ने जिन सीटों पर दावा ठोका है, उसमें किशनगंज, बेगूसराय, वाल्मीकिनगर, सासाराम, नवादा, औरंगाबाद, कटिहार और सुपौल संसदीय सीट शामिल है। 

पार्टी ने किशनगंज से मोहम्मद जावेद, बेगूसराय से कन्हैया कुमार या अमिता भूषण, वाल्मीकिनगर से प्रवेश कुमार, सासाराम से मीरा कुमार या उनके बेटे, समस्तीपुर से डॉ अशोक राम, नवादा से डॉ अखिलेश सिंह या अनिल शर्मा, औरंगाबाद से निखिल कुमार, कटिहार से तारिक अनवर और सुपौल से रंजीता रंजन को चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। ऐसे में कांग्रेस के इस दावे से नीतीश कुमार और लालू यादव की टेंशन बढ़ सकती है। 

बिहार में वर्ष 2019 में जदयू ने 16 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि राजद को किसी सीट भी सफलता नहीं मिली थी। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 में जहां जदयू की कोशिश रहेगी कि वह कम से कम 16 सीटों पर चुनाव में उतरे। वहीं राजद भी इससे कमतर सीटें पर नहीं मान सकती है। अगर यह स्थिति रही तो दोनों दलों को कांग्रेस की 9 सीटों की मांग को पूरा करने में अपनी सीटें छोडनी होगी। 

इतना ही नहीं वामदलों की ओर से भी 4 से 6 लोकसभा सीटों की मांग की गई है। ऐसे में इंडिया के घटक दलों में बिहार को लेकर बड़ी माथापच्ची होनी तय है। कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक के नेतृत्व में 4 जनवरी 2024 से सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा होगी। उस समय बिहार को लेकर सभी दलों की मांगें बेहद महत्वपूर्ण हो जाएंगी।

Web Title: There will be a lot of wrangling for the distribution of seats in the Indian alliance in the Lok Sabha elections, the path is not easy

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