झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में मची रार, कांग्रेस विधायकों ने अपनी पार्टी के मंत्रियों के खिलाफ खोला मोर्चा
By एस पी सिन्हा | Published: April 8, 2022 05:50 PM2022-04-08T17:50:43+5:302022-04-08T17:57:44+5:30
झारखंड में कांग्रेस पार्टी के लगभग आधा दर्जन विधायक हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस के कोटे से बने मंत्रियों से नाराज चल रहे हैं। विधायकों के गुस्से का आलम यह है कि उन्हें कांग्रेस के मंत्रियों को नकारा तक बता डाला है। बागी विधायक इरफान अंसारी के नेतृत्व में दिल्ली आकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात ककना चाहते हैं।
रांची:झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) वाली सरकार में कुछ विधायकों ने मंत्रियों के खिलाफ बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है। बताया जा रहा है कि सोरेन सरकार में कांग्रेस कोटे के बने मंत्रियों के खिलाफ खुद कांग्रेस पार्टी के ही विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है।
खबरों के मुताबित पार्टी के लगभग आधा दर्जन विधायक अपने मंत्रियों से इस कदर नाराज हैं कि उन्हें नकारा तक बता डाला है। बागी हुए कांग्रेसी विधायकों ने अपनी ही पार्टी के मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के नेतृत्व में नाराज विधायकों ने दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात के लिए वक्त मांगा है।
विक्षुब्ध कांग्रेस विधायकों का नेतृत्व करने वाले विधायक इरफान अंसारी पहले से ही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मुखर विरोधी रहे हैं और सदन में भी उनका विरोध करते रहे हैं।
इरफान का दावा है की उनके साथ पार्टी के नौ विधायक हैं। नाराज विधायकों में इरफान अंसारी के अलावा उमाशंकर अकेला, नमन विक्सल कोंगाडी और राजेश कच्छप के भी नाम शामिल हैं। कांग्रेस के बागी विधायकों को महिला विधायकों का भी साथ मिला है।
कांग्रेस के नाराज विधायकों ने अपनी पार्टी के कोटे से बने मंत्रियों के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। विधायक नमन विक्सल कोगाडी ने कहा कि दो साल कोरोना के कारण काम नहीं हुआ और अब गली-गली हमसे जनता सवाल पूछ रही है, जबकि जवाब तो मंत्रियों को देना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय भी हमारी बात नहीं सुन रहे हैं। वहीं विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि जिस बिरादरी का 1 फीसदी वोट भी प्रदेश में नहीं है, वह नेतृत्व कर रहा है तो भला बाकी लोग कैसे उसके पीछे-पीछे चल सकते हैं?
वहीं विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि मंत्रियों के पास समय नहीं है। ऐसे में अगर जनता का काम नहीं होगा तो कैसे काम चलेगा? जबकि विधायक अकेला ने कहा कि अब सीधे राहुल गांधी से ही कोई बात होगी।
विधायकों ने कहा कि अपने मंत्रियों से अधिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनकी बात सुन रहे हैं और उनका काम भी कर रहे हैं। नाराज कांग्रेस विधायकों के निशाने पर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व भी रहा। अपने मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद कुछ विधायक सीधे मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे।
बताया जा रहा है कि बागी विधायक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश में लगे हैं। कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस में रिजेक्टेड नेताओं को सेलेक्ट किया जा रहा है और जनाधार वाले नेताओं को किनारे किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कोटे के मंत्री के कार्यों से लोग खुश नहीं हैं। ऐसे में कैबिनेट में अब युवाओं को मौका मिलना चाहिए। कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप कहते हैं कि दिल्ली की बैठक में कुछ ही नेताओं को बुलाया गया था। आखिर उन्होंने कौन सी गलती की है कि उन्हें नहीं बुलाया गया? अपनी ही पार्टी में वे उपेक्षित हो गये हैं।