किसानों के लिए जांच कराने, टीका लगवाने की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए : भाकियू नेता चढूनी
By भाषा | Updated: April 23, 2021 19:03 IST2021-04-23T19:03:31+5:302021-04-23T19:03:31+5:30

किसानों के लिए जांच कराने, टीका लगवाने की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए : भाकियू नेता चढूनी
सोनीपत (हरियाणा), 23 अप्रैल भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को अपनी जांच करवाने या टीका लगवाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए और अगर स्वास्थ्यकर्मी उनके साथ जोर-जबरदस्ती करने की कोशिश करेंगे तो उन्हें प्रदर्शन स्थल पर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
कुछ दिन पहले ही हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा था कि हरियाणा-दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की कोविड-19 की जांच करायी जाएगी और उनका टीकाकरण कराया जाएगा।
दिल्ली के साथ हरियाणा के सोनीपत, गुड़गांव और फरीदाबाद जिलों की सीमाएं लगती हैं।
चढूनी ने कहा, ‘‘अगर वे हम पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे तो हम उन्हें (प्रदर्शन स्थल में) प्रवेश नहीं करनें देंगे।’’ उन्होंने कहा कि जांच कराने और टीका लगवाने का विकल्प किसानों पर छोड़ देना चाहिए।
केन्द्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी संख्या में किसान कई महीनों से दिल्ली से लगे हरियाणा के सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
सोनीपत के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशनदीप रंधावा ने पत्रकारों को बताया कि अभी तक 1,100 से ज्यादा किसानों को टीका लगाया गया है। उन्होंने कहा कि जरुरत होने पर स्वास्थ्य विभाग सचल टीमों को काम पर लगाएगा और किसानों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
चढूनी ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा था कि किसान अगर बीमार होगा तो कोविड-19 की जांच कराएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई किसान टीका लगवाना चाहता है तो वह ऐसा करेगा, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए।
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