पेगासस से पार्टी या सरकार को जोड़े जाने का एक भी साक्ष्य नहीं है : भाजपा

By भाषा | Updated: July 19, 2021 22:34 IST2021-07-19T22:34:47+5:302021-07-19T22:34:47+5:30

There is not even a single evidence linking Pegasus to party or government: BJP | पेगासस से पार्टी या सरकार को जोड़े जाने का एक भी साक्ष्य नहीं है : भाजपा

पेगासस से पार्टी या सरकार को जोड़े जाने का एक भी साक्ष्य नहीं है : भाजपा

नयी दिल्ली, 19 जुलाई भाजपा ने सोमवार को कांग्रेस पर प्रहार करते हुए दावा किया कि पेगासस जासूसी मामले से सत्तारूढ़ दल या मोदी सरकार को जोड़े जाने का ‘‘एक भी साक्ष्य’’ नहीं है। कांग्रेस ने इस मामले में केंद्र सरकार पर हमला किया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस प्रकरण में शामिल लोगों की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि समाचार पोर्टल ‘द वायर’ द्वारा पहले प्रसारित समाचार ‘‘गलत’’ पाया गया है, जबकि एम्नेस्टी इंटरनेशनल का ‘‘भारत विरोधी’’ एजेंडा जगजाहिर है। खबर को द वायर ने ही पहली बार भारत में उजागर किया।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने यह खबर चलाई उन्होंने ही कहा कि डाटाबेस में किसी खास नंबर की मौजूदगी से इस बात की पुष्टि नहीं होती है कि यह पेगासस से संक्रमित है। उन्होंने खबर के समय पर भी सवाल उठाया जिसे सोमवार को संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले जारी किया गया।

कथित जासूसी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी निशाना बनाए जाने की खबरों पर प्रसाद ने तंज कसते हुए कहा कि उनका हर बयान प्रतिदिन ट्विटर पर है।

उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘वह अपनी विद्वता देश के साथ साझा करते रहते हैं। क्या कुछ और जानने की जरूरत है।’’

उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जांच की कांग्रेस की मांग को भी खारिज कर दिया और विपक्षी दल पर आरोप लगाया कि वह निराधार आरोप लगाने में ‘‘काफी निचले स्तर’’ तक गिर गया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ‘‘लगातार सिकुड़ने और हारने’’ के कारण वह संसद को बाधित करना चाह रही है और निराधार एजेंडा चला रही है।

उन्होंने पहले भी विपक्षी दलों के खिलाफ जासूसी करने के आरोपों का जिक्र किया जिसमें तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी और पी. चिदंबरम को लेकर हुआ विवाद भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि 2013 में आरटीआई से खुलासा हुआ कि उस समय की कांग्रेस नीत सरकार प्रति महीने नौ हजार फोन और 500 ई-मेल की निगरानी करती थी और हाल में राजस्थान में इसकी सरकार पर अवैध रूप से फोन टैपिंग के आरोप लगे हैं।

प्रसाद ने कहा, ‘‘कांग्रेस द्वारा भाजपा के खिलाफ लगाए गए निराधार आरोपों की पार्टी निंदा करती है। भारत में 50 वर्षों से अधिक समय तक शासन करने वाला दल राजनीतिक विमर्श को काफी निचले स्तर पर ले गया है।’’

खबर के पीछे के सूत्रों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ‘द वायर’ ने ही न्यायाधीश लोया की खबर प्रकाशित की। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी इस पर टिप्पणी की थी और यह ‘‘झूठ’’ पाया गया था।

शेख सोहराबुद्दीन मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश बृजगोपाल हरकिशन लोया का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था लेकिन कुछ खबरों में उनके निधन पर सवाल उठाए गए थे। उच्चतम न्यायालय ने भी मामले की निष्पक्ष जांच की याचिकाएं खारिज कर दी थीं।

प्रसाद ने कहा, ‘‘क्या हम इस बात से इंकार कर सकते हैं कि एमनेस्टी जैसी संस्थाओं का भारत विरोधी एजेंडा होता है? हमने जब उनसे नियमों के मुताबिक उनके विदेशी वित्त पोषण के बारे में पूछा तो वे भारत से चले गए।’’

उन्होंने कहा कि पेगासस स्पाइवेयर का मालिकाना हक रखने वाली इजराइली कंपनी एनएसओ ने भी कहा है कि 45 से अधिक पश्चिमी देशों ने इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया है और पूछा कि भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने आज स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रॉनिक संचार को कानूनी तरीके से भारतीय दूरसंचार कानून, 1885 की धारा 5 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 की धारा 69 के तहत ही इंटरसेप्ट किया जा सकता है। किसी भी तरह की अवैध निगरानी संभव नहीं है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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