बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने की राह में पैसे की कमी नहीं बनी अड़चन

By भाषा | Updated: March 23, 2021 18:32 IST2021-03-23T18:32:15+5:302021-03-23T18:32:15+5:30

There is no shortage of money in the way of contesting the Bengal Assembly elections | बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने की राह में पैसे की कमी नहीं बनी अड़चन

बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने की राह में पैसे की कमी नहीं बनी अड़चन

(सुदीप्त चौधरी)

कोलकाता, 23 मार्च चुनाव लड़ने का मन बना लिया जाए, तो खाली जेब इसकी राह में कहीं से भी अड़चन नहीं बन सकती है। बंगाल विधानसभा चुनाव में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिल रहे हैं।

पुरूलिया विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मानस सरदार (30) ने अपनी चुनावी किस्मत आजमाने के लिए दोस्तों से 30,000 रुपये उधार लिये हैं।

चुनाव आयोग को सौंपे गये उनके हलफनामे के मुताबिक उनके पास एक पैसे की भी चल या अचल संपत्ति नहीं है।

सरदार ने कहा, ‘‘मेरे पास कुछ नहीं है। मेरा एक मात्र लक्ष्य हमारे इलाके का विकास करना है। मैं पहली बार चुनाव लड़ रहा हूं और मैंने अपने दोस्तों से 30,000 रुपये उधार लिए हैं। जेब में फूटी कौड़ी नहीं होने के बावजूद वह चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त हैं।’’

जिले में बलरामपुर सीट से चुनाव लड़ रहे उन्हीं की पार्टी से उम्मीदवार अनादी टुडू (52) ने कहा, ‘‘ पैसे की कमी लोगों की भलाई करने के आपके सपनों को पूरा करने की राह में रूकावट नहीं बन सकती।’’

एसयूसीआई(सी) उम्मीदवार दीपक कुमार और भागीरथी महतो ने अपने हफलमाने में कहा है कि उनके कोई संपत्ति नहीं है। कुमार बलरामपुर से और महतो जोयपर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

कुमार 2016 का चुनाव भी लड़े थे, लेकिन हार गये थे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का जनाधार बढ़ा है।

महज 500 रुपये की संपत्ति घोषित करने वाले उम्मीदवारों में एसयूसीआई (सी) के राजीब मुडी और स्वप्न कुमार मुर्मू भी शामिल हैं। राजीब बिनपुर (सुरक्षित) सीट से, जबकि मुर्मू मंजबाजार (सुरक्षित) सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। ये दोनों विधानसभा क्षेत्र पुरूलिया जिले में आते हैं।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सैकत गिरि ने चुनाव आयोग को सौंपे हलफनामे में अपनी संपत्ति महज 2000 रुपये होने की घोषणा की है। वह पूरब मेदिनीपुर के पताशपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं फर्क महसूस कर सकता हूं क्योंकि मेरे पास बमुश्किल ही पैसे हैं। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस इस चुनाव में भारी मात्रा में पैसे खर्च कर रहे हैं, जिसकी तुलना में मैं कुछ नहीं खर्च कर रहा। लेकिन आम आदमी से हमारा गहरा नाता है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस निर्वाचन क्षेत्र के लोग सवाल कर रहे हैं कि अम्फान राहत कोष का पैसा कहां गया। वे सवाल कर रहे हैं कि युवा बेरोजगार क्यों हैं। हम यहां एक महिला कॉलेज खोलना चाहते हैं।’’

राज्य में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। प्रथम चरण का चुनाव 27 मार्च को पांच जिलों में 30 सीटों पर होगा। इन जिलों में पुरूलिया, बांकुड़ा, झारग्राम, पूरब मेदिनीपुर (एक हिस्सा) और पश्चिम मेदिनीपुर (एक हिस्सा) शामिल हैं।

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Web Title: There is no shortage of money in the way of contesting the Bengal Assembly elections

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