बेंगलुरु में हुई हिंसा भारत में सांप्रदायिक अशांति पैदा करने की एसडीपीआई की साजिश थी: एनआईए आरोपपत्र

By भाषा | Published: February 23, 2021 10:42 PM2021-02-23T22:42:10+5:302021-02-23T22:42:10+5:30

The violence in Bengaluru was the SDPI's plot to create communal unrest in India: NIA charge sheet | बेंगलुरु में हुई हिंसा भारत में सांप्रदायिक अशांति पैदा करने की एसडीपीआई की साजिश थी: एनआईए आरोपपत्र

बेंगलुरु में हुई हिंसा भारत में सांप्रदायिक अशांति पैदा करने की एसडीपीआई की साजिश थी: एनआईए आरोपपत्र

बेंगलुरु, 23 फरवरी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हाल ही में यहां विशेष अदालत में दाखिल अपने आरोप-पत्र में कहा है कि बेंगलुरु में पिछले साल 12 अगस्त को हुई हिंसा, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (एसडीपीआई) द्वारा रची गई देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की एक बड़ी साजिश थी। ।

हिंसा में दलित कांग्रेस विधायक आर अखण्ड श्रीनिवास मूर्ति के घर और दो पुलिस थानों में तोड़फोड़ की गई थी और कई वाहनों में आग लगा दी गई थी।

एक व्यक्ति ने इस मामले की जांच एनआईए से कराने के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में जांच शुरू कर दी।

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी ने मामले में 247 लोगों को आरोपी बनाया है।

आरोप पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए, कर्नाटक के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा कि यह एसडीपीआई की एक साजिश थी और सोशल मीडिया ऐसे संगठनों के लिए एक आसान औजार बन गया है।

बोम्मई ने संवाददाताओं से कहा, "ये (सोशल मीडिया के) आका भारत में ही नहीं, बल्कि बाहर भी हैं। मुझे भरोसा है कि न्याय होगा।"

एनआईए के आरोप पत्र में कहा गया कि हिंसा का तात्कालिक कारण पुलकेशिनगर के विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे नवीन द्वारा सोशल मीडिया पर किया गया एक पोस्ट था जिसके बाद अल्पसंख्यक समुदाय के 4,000 से अधिक लोग उग्र हो गए थे, हालांकि एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं ने उनको टैग करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला था, जिसमें हिंदू देवताओं का अपमान किया गया था।

आरोप पत्र के अनुसार, "बेंगलुरु में एसडीपीआई केंद्र सरकार के कुछ फैसले से नाखुश था, जिनमें अनुच्छेद 370, सीएए/ एनआरसी का मुद्दा, बाबरी मस्जिद मामले पर उच्चतम न्यायालय का फैसला, तीन तालक पर रोक इत्यादि शामिल हैं।"

आरोप पत्र में लिखा गया है, "वे सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने के मौका का इंतजार कर रहे थे, जिससे देश में अशांति पैदा हो।"

मुख्य अभियुक्त फैरोज पाशा के एसडीपीआई में शामिल होने के बाद, मोहम्मद शरीफ, मुजम्मिल पाशा और एसडीपीआई के बेंगलुरु जिले के अन्य नेताओं ने आपराधिक साजिश रची।

एनआईए ने कहा, "साजिश के तहत, उन्होंने फैरोज पाशा के फेसबुक अकाउंट के माध्यम से हिंदू देवताओं और हिंदू समुदाय को अपमानित करने और भड़काने के लिए कुछ अपमानजनक संदेश पोस्ट करने का फैसला किया।"

हिंसा में चार लोग मारे गए थे, जिनमें तीन की मौत पुलिस की गोलीबारी में हुई और एक की मौत चोटों के कारण हुई थी। दंगाइयों ने कई वाहनों और दुकानों को आग लगा दी और थानों के भीतर और बाहर तोड़-फोड़ की थी।

शहर की पुलिस भी साथ-साथ मामले की जांच कर रही है, जिसने कांग्रेस के पूर्व महापौर आर संपत राज पर अपनी ही पार्टी के विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति को राजनीतिक रूप से खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

संपत डीजे हाली वार्ड का एक पार्षद है और पकड़े जाने से पहले कई हफ्तों तक फरार रहा था। वह अब जमानत पर बाहर है।

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Web Title: The violence in Bengaluru was the SDPI's plot to create communal unrest in India: NIA charge sheet

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