"राज्यसभा में बहस के लिए '2 मिनट मैगी नूडल्स' के विज्ञापन जैसा समय मिलता है", सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने चुनाव आयोग बिल पर बहस के लिए कम समय मिलने पर किया व्यंग्य

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 13, 2023 01:13 PM2023-12-13T13:13:16+5:302023-12-13T13:47:46+5:30

शिवसेना (यूटीबी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने चुनाव आयोग विधेयक पर बहस के दौरान सांसदों को आवंटित किये गये समय की तुलना दो मिनट की मैगी नूडल्स से की है।

"The time given for debate in Rajya Sabha is like '2 Minute Maggi Noodles' advertisement", MP Priyanka Chaturvedi sneered at the less time given for debate on the Election Commission Bill | "राज्यसभा में बहस के लिए '2 मिनट मैगी नूडल्स' के विज्ञापन जैसा समय मिलता है", सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने चुनाव आयोग बिल पर बहस के लिए कम समय मिलने पर किया व्यंग्य

फाइल फोटो

Highlightsसांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सीईसी पर बहस के लिए मिले समय की तुलना दो मिनट की मैगी नूडल्स से कीउन्होंने कहा कि मोदी काल में सांसदों को सदन में बहस के लिए केवल दो मिनट का समय मिलता है चुनाव आयोग विधेयक पर बहस के लिए सांसदों को और अधिक समय मिलना चाहिए था

नई दिल्ली: शिवसेना (यूटीबी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने चुनाव आयोग विधेयक पर बहस के दौरान सांसदों को आवंटित किये गये समय की तुलना दो मिनट की मैगी नूडल्स से की है।

सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मोदी काल में सांसदों को सदन में बहस के लिए केवल दो मिनट का समय मिलता है और सभी ने उसी दो मिनट में अपनी बात को कहने की कला सिख ली है।

समाचार वेबसाइट इंडिया टुके के मुताबिक उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग विधेयक के बारे में बोलने के लिए सांसदों को और अधिक समय दिया जा सकता था लेकिन सभापति द्वारा ऐसा नहीं किया गया।

सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर किये एक पोस्ट में कहा, "2 मिनट मैगी नूडल्स का विज्ञापन किया जाता है, हालांकि हमने सीखा है कि 2 मिनट से भी कम समय में अपनी बात कैसे रखी जाए। हालांकि ईसीआई बिल पर बहस के लिए अधिक उदारता से समय का आवंटन किया जा सकता था।"

उन्होंने आगे कहा, “चुनाव आयोग की भूमिका सिर्फ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और चुनावी नामांकन और मतदाता सूची बनाए रखने से कहीं बड़ी है। आयोग को राजनीतिक दलों में विवादों के फैसले का भी काम करना होता है। आयोग द्वारा महाराष्ट्र में पक्षपातपूर्ण निर्णय करते देखा गया है, इसलिए सत्तारूढ़ सरकार के पक्ष में 2:1 विधेयक अनुचित, अलोकतांत्रिक और संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ है।"

मालूम हो कि बीते मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यावधि विधेयक, 2023 पारित कर दिया।

इस विधेयक का उद्देश्य मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों के लिए नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यालय की अवधि का नियमन करना है और साथ ही चुनाव आयोग के कामकाज की प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करना है।

यह बिल मूल रूप से 10 अगस्त को पेश किया गया था और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल पर कहा था कि इसे बहुत ही विचार के बाद संसद के समक्ष पेश किया गया है।

Web Title: "The time given for debate in Rajya Sabha is like '2 Minute Maggi Noodles' advertisement", MP Priyanka Chaturvedi sneered at the less time given for debate on the Election Commission Bill

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