सेना में महिला अधिकारियों को सभी लड़ाकू भूमिकाओं में किया जा रहा है शामिल, राज्यसभा में बोले रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 28, 2022 08:22 PM2022-03-28T20:22:54+5:302022-03-28T20:37:15+5:30
सोमवार को राज्यसभा में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, तीनों रक्षा बलों में 10,303 महिला अधिकारी कार्यरत हैं।
नई दिल्ली: देश की तीनों सेनाओं में दस हजार से अधिक महिलाएं अफसर के रूप में सेवाएं दे रही हैं। सोमवार को राज्यसभा में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, तीनों रक्षा बलों में 10,303 महिला अधिकारी कार्यरत हैं जिनमें डॉक्टर और सैन्य नर्सिंग सेवा अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय सेना में जवानों के रूप में सेवारत 100 महिलाएं हैं।
अजय भट्ट ने कहा, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने 15 महिला लड़ाकू पायलटों को कमीशन किया है और महिला अधिकारियों को अब सभी लड़ाकू भूमिकाओं में शामिल किया जा रहा है। भारतीय नौसेना पहले ही 28 महिला अधिकारियों को जहाज पर प्रतिनियुक्त कर चुकी है। महिला अधिकारियों को नौसेना के विमानों और जहाज से चलने वाले हेलीकॉप्टरों में युद्धक भूमिकाओं में तैनात किया जाता है।
The three defence forces have 10,303 women officers working with them including doctors and military nursing service officers. There are 100 women serving as jawans in the Indian Army: Minister of State for Defence Ajay Bhatt in Rajya Sabha pic.twitter.com/tJ7qwCEBD7
— ANI (@ANI) March 28, 2022
वहीं, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा को बताया है कि केंद्र सरकार ने एक मजबूत समुद्री खोज और बचाव फ्रेमवर्क की स्थापना की है। इससे भारत के तटीय इलाकों और गहरे समुद्र में होने वाली विभिन्न घटनाओं को संबोधित किया जा सकेगा।
भट्ट ने कहा, आईसीजी के महानिदेशक को राष्ट्रीय समुद्री खोज एवं बचाव बोर्ड (एनएमएसएआरबी) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही इसमें विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों और तटीय राज्यों के अधिकारियों को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।
आपको बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) के साथ 473 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) के लिए आठ हाई स्पीड पैट्रोल जहाजों के निर्माण के लिए किया गया है।