VIDEO: राम मंदिर के लिए बलिदान देने वाले लोगों की आत्मा को आज ध्वजारोहण के बाद शांति मिली होगी, भागवत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 25, 2025 15:07 IST2025-11-25T15:06:55+5:302025-11-25T15:07:11+5:30
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि राम मंदिर के लिए बलिदान देने वाले लोगों की आत्मा को आज मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के बाद शांति मिली होगी।

VIDEO: राम मंदिर के लिए बलिदान देने वाले लोगों की आत्मा को आज ध्वजारोहण के बाद शांति मिली होगी, भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि राम मंदिर के लिए बलिदान देने वाले लोगों की आत्मा को आज मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के बाद शांति मिली होगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पर फहराया गया ध्वज उन सिद्धांतों का प्रतीक है जो व्यक्ति, परिवार और दुनिया भर में सद्भाव की प्रेरणा देते हैं। भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ध्वज हमेशा एक प्रतीक होता है, और मंदिर में इतने ऊंचे ध्वज को लगाने में काफी समय लगा, ठीक वैसे ही जैसे मंदिर बनने में लगा था। समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित थे। भागवत ने कहा, ‘‘कई लोगों ने इस दिन का सपना देखा था और कई लोगों ने इसके लिए अपनी जान दे दी।
#WATCH अयोध्या, उत्तर प्रदेश: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "आज हम सबके लिए एक सार्थकता का दिन है। इतने लोगों ने सपना देखा, इतने लोगों ने प्रयास किए, इतने लोगों ने अपने प्राण अर्पण किए आज उनकी आत्मा को तृप्त हुई होगी। आज वास्तव में अशोक जी को वहां शांति मिली होगी....उन्होंने… pic.twitter.com/bHb2jmmiCG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2025
आज उनकी आत्मा को शांति मिली होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग हर दिन पृष्ठभूमि में काम करते थे, उन्होंने भी राम मंदिर का सपना देखा था, अब जब रस्में पूरी हो गई हैं; 'राम राज्य' का झंडा फहराया गया है।’’ उन्होंने कहा, “इतना ऊंचा ध्वज फहराने में बहुत समय लगा है। आप सब जानते हैं कि मंदिर बनने में कितना समय लगा — अगर 500 साल को छोड़ भी दें, तो 30 साल लगे।” संघ प्रमुख ने कहा कि इस ध्वज के माध्यम से कुछ बुनियादी मूल्यों को ऊपर उठाया गया है। भागवत ने कहा, “ये वो मूल्य हैं जो दुनिया को रास्ता दिखाएंगे — निजी जीवन से लेकर पारिवारिक जीवन और पूरी सृष्टि के जीवन तक। धर्म ही सबकी भलाई सुनिश्चित करता है।” उन्होंने कहा कि झंडे का केसरिया रंग धर्म को दिखाता है और इसलिए इसे ‘धर्म ध्वज’ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि झंडे पर रघुवंश के चिह्न के रूप में कोविदार (मंदार) का पेड़ भी है।