प्रधानाचार्यों, विशेषज्ञों ने डीबीएसई के गठन संबंधी केजरीवाल सरकार के निर्णय का स्वागत किया

By भाषा | Updated: March 6, 2021 21:06 IST2021-03-06T21:06:51+5:302021-03-06T21:06:51+5:30

The principals, experts welcomed the decision of the Kejriwal government regarding the formation of DBSE. | प्रधानाचार्यों, विशेषज्ञों ने डीबीएसई के गठन संबंधी केजरीवाल सरकार के निर्णय का स्वागत किया

प्रधानाचार्यों, विशेषज्ञों ने डीबीएसई के गठन संबंधी केजरीवाल सरकार के निर्णय का स्वागत किया

नयी दिल्ली, छह मार्च स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षाविदों ने शनिवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप शहर के लिए एक अलग शिक्षा बोर्ड बनाने संबंधी दिल्ली सरकार के निर्णय से सर्वश्रेष्ठ वैश्विक पद्धतियों के पहलू सामने आएंगे और अनुसंधान तथा कौशल आधारित अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा।

अखिल भारतीय अभिभावक संघ ने हालांकि दिल्ली स्कूली शिक्षा बोर्ड (डीबीएसई) बनाये जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह ‘‘शिक्षा के स्तर को कम करेगा’’ और दावा किया कि देश के अधिकांश सबसे बड़े स्कूल केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अधीन है।

वर्तमान में, दिल्ली के स्कूल सीबीएसई या इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आईसीएसई) से संबद्ध हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि दिल्ली स्कूली शिक्षा बोर्ड (डीबीएसई) नामक एक नए शिक्षा बोर्ड की स्थापना की जाएगी जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्था होगी।

उन्होंने कहा कि इसके तहत छात्रों में विषय की समझ ,व्यक्तित्व विकास तथा देशभक्ति और आत्मनिर्भरता के संचार पर जोर दिया जायेगा।

केजरीवाल ने कहा कि वर्ष 2021-22 के अकादमिक सत्र में दिल्ली सरकार के 20-25 स्कूलों इस बोर्ड से संबद्ध कर दिया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले चार-पांच सालों में सभी सरकारी और निजी स्कूल डीबीएसई के अधीन हो जाएंगे।”

उन्होंने कहा कि शहर में दिल्ली सरकार के लगभग एक हजार स्कूल हैं और लगभग 1,700 निजी स्कूल हैं जिनमें से ज्यादातर सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं।

डीबीएसई बनाये जाने संबंधी दिल्ली सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए एमआरजी स्कूल, रोहिणी की प्रधानाचार्य प्रियंका बरारा ने कहा कि इस बोर्ड के आने से छात्रों के मूल्यांकन को गुणात्मक दृष्टिकोण मिलेगा और यह निश्चित रूप से उनके भविष्य के लिए सहायक होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम डीबीएसई के पहलुओं और इसके प्रबंधन मानदंडों के बारे में और समझने के लिए तत्पर हैं।’’

दिल्ली अभ‍िभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि डीबीएसई के गठन के बाद यहां के स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा बोर्डों के विद्यार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा का दबाव कम होगा।

शिक्षाविद् सुनीता गांधी ने कहा कि डीबीएसई देश में शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में एक "निर्णायक भूमिका" निभा सकता है क्योंकि इसमें नवाचार, अनुसंधान, उद्यमिता, कौशल-आधारित विकास, रोजगार पर केन्द्रित पहलू होंगे।

शालीमार बाग स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य अलका कपूर ने कहा कि नये बोर्ड में बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर ध्यान रखे जाने से उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।

राष्ट्रीय राजधानी के लिए एक अलग बोर्ड पर चिंता जताते हुए, अखिल भारतीय अभिभावक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि यह निर्णय छात्रों के पक्ष में नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब देश के अधिकांश बड़े स्कूल सीबीएसई के तहत हैं और सीबीएसई संबद्धता प्राप्त करने के लिए स्कूलों में प्रतियोगिता है, दिल्ली सरकार के द्वारा दिल्ली शिक्षा बोर्ड बनाने और सभी सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से बाहर करना लोगों या विद्यार्थियों के पक्ष में नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नया बोर्ड शिक्षा के स्तर को कम करेगा। हम दिल्ली सरकार के इस फैसले का विरोध करते हैं और चाहते हैं कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।’’

दिल्ली के नए शिक्षा बोर्ड की स्थापना का निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक बैठक में लिया गया।

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Web Title: The principals, experts welcomed the decision of the Kejriwal government regarding the formation of DBSE.

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