किसान आंदोलन ‘‘अराजनीतिक’’ रहा है और आगे भी रहेगाः संयुक्त किसान मोर्चा
By भाषा | Updated: February 5, 2021 00:29 IST2021-02-05T00:29:10+5:302021-02-05T00:29:10+5:30

किसान आंदोलन ‘‘अराजनीतिक’’ रहा है और आगे भी रहेगाः संयुक्त किसान मोर्चा
नयी दिल्ली, चार फरवरी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने बृहस्पतिवार को कहा कि आंदोलन अब तक ‘‘अराजनीतिक’’ रहा है और ‘‘आगे भी रहेगा’’ तथा किसी भी राजनीतिक दल के नेता को उसके मंच का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने सिंघू, गाज़ीपुर, टीकरी एवं अन्य सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन स्थलों का दौरा किया और केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। इसके बाद, संयुक्त किसान मोर्चा का यह बयान आया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के एक नेता, दर्शन पाल सिंह द्वारा एक बयान में मोर्चा ने कहा, " यह आंदोलन शुरू से पूरी तरह से अराजनीतिक रहा है और अराजनीतिक रहेगा। इस आंदोलन को राजनीतिक पार्टियों और नेताओं के समर्थन का स्वागत है, लेकिन किसी भी सूरत में संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर राजनीतिक नेताओं को आने की इजाजत नहीं होगी।"
मोर्चा ने प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट सेवा तत्काल बहाल करने की भी मांग की।
बयान में कहा गया है, " असहमति की आवाज़ दबाने की सरकार की कोशिशें जारी हैं। इंटरनेट पर रोक से आंदोलन कर रहे किसानों के साथ ही, मीडिया कर्मी और स्थानीय लोगों को भी बहुत परेशानी हो रही है।"
संगठन ने कहा कि खासकर, छात्र "बड़ी समस्या" का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उनकी परीक्षाएं आ रही हैं।
बयान में कहा गया है कि एक ओर सरकार ‘‘डिजिटल इंडिया’’ जैसी योजनाओं का प्रचार कर रही है, वहीं दूसरी ओर देश के लोगों को इंटरनेट से महरूम किया जा रहा है।
बयान में कहा गया है कि इस आंदोलन को लगातार देश और दुनिया से समर्थन मिल रहा है। यह शर्मनाक है कि सरकार " आंतरिक मामला" बता कर इसे "दबाना" चाहती है।
बयान के मुताबिक, " जो लोग किसानों के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं, उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है, जो निंदनीय है।"
बयान में कहा गया है कि अबतक मिली जानकारी के मुताबिक, 125 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और 21 प्रदर्शनकारी अब भी लापता हैं।
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