कांग्रेस के नये अध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी में खेमा बंदी हुयी तेज़

By शीलेष शर्मा | Published: August 8, 2019 01:36 AM2019-08-08T01:36:41+5:302019-08-08T01:36:41+5:30

राहुल गाँधी के इस्तीफे के बाद नये अध्यक्ष के चयन को लेकर कांग्रेस में खेमे बंदी तेज हो गयी है।

The party is in a tizzy over the selection of the new president of Congress | कांग्रेस के नये अध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी में खेमा बंदी हुयी तेज़

कांग्रेस के नये अध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी में खेमा बंदी हुयी तेज़

राहुल गाँधी के इस्तीफे के बाद नये अध्यक्ष के चयन को लेकर कांग्रेस में खेमे बंदी तेज हो गयी है। इस तेजी का बड़ा कारण 10 अगस्त होने वाली कार्यसमिति की बैठक है जिसमें नये अध्यक्ष के चयन को लेकर विचार किया जाना है। खेमे बजी के कांग्रेस इस मुद्दे पर 

दो खेमों में बंटी नज़र आ रही है। एक खेमे में वह नेता शामिल हैं जो राहुल टीम के सिपह सालार माने जाते रहे हैं ,इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया ,सचिन पॉयलट ,दीपेंद्र हुड्डा ,मिलिंद देवड़ा जैसे नाम शामिल हैं तथा इनकी कोशिश है कि राहुल के बाद पार्टी की कमान किसी युवा नेता को सौंपी जाये ,मिलिंद देवड़ा ने तो सचिन पॉयलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम भी अध्यक्ष पद के लिये सार्वजानिक कर मांग उठा दी है।

पार्टी के अंदर खेमे बाजी कल कश्मीर पर बुलाई गयी कार्यसमिति की बैठक में भी नज़र आयी ,उस समय जब सिंधिया और हुड्डा के ट्वीट जिसमें इन दोनों ने मोदी सरकार के कदम का समर्थन किया था पर सभी वरिष्ठ नेता काफ़ी नाराज़ नज़र आये। कुमारी सैलजा ने यहाँ तक कह दिया कि पार्टी के युवा नेताओं को पता ही नहीं है कि कांग्रेस क्या है ,नेहरू ,पटेल तथा अन्य नेताओं ने उस समय जिस सोच के साथ फ़ैसला किया भाजपा दम्भ में आकर जबरन फ़ैसले कर रही है और हमारे नेता बिना सोचे समझे पार्टी की नीति को किनारे रख कर उसके खिलाफ बोल रहे हैं। बाबजूद इसके सिंधिया और हुड्डा अपने ट्वीट पर अड़े रहे ,जब प्रियंका ने दख़ल दिया और कहा कि भाजपा अपनी राजनीति कर रही है ,कांग्रेस भाजपा नहीं है ,चाहे वोट मिले या न मिले कांग्रेस अपनी नीति और परंपरा नहीं छोड़ेगी। 

दूसरी और पार्टी के वरिष्ठ नेता थे जो एकजुट होकर युवा नेताओं पर आक्रामक थे ,जिससे साफ़ दिख रहा था कि पार्टी में दो अलग -अलग खेमे बन चुके हैं। पी चिदंबरम ,अहमद पटेल ,मुकुल वासनिक,अशोक गेहलोत ,गुलाम नवी आज़ाद ,अम्बिका सोनी ,कुमारी सैलजा का खेमा 370 को समाप्त करने के मोदी सरकार के फ़ैसले के ख़िलाफ़ बोलते नज़र आये ,जिसका नतीज़ा हुआ कि पार्टी ने प्रस्ताव पारित कर जो कहा उसने सिंधिया ,हुड्डा ,देवड़ा जैसे युवाओं के ट्वीट की भाषा को खारिज़ कर दिया। इसी के साथ 9 अगस्त को पार्टी के महासचिवों ,प्रदेश अध्यक्षों ,विधानमंडल दल के नेताओं तथा दूसरे नेताओं की बैठक बुला कर धारा 370 पर पार्टी के रुख पर कायम रहने की कवायत होगी ,यह इस कारण महत्वपूर्ण है कि 10 अगस्त को ठीक एक दिन बाद कार्यसमिति नये अध्यक्ष के चयन पर विचार करेगी। 

Web Title: The party is in a tizzy over the selection of the new president of Congress

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे