पूरी तरह पेपरलेस है नई संसद, 1700 से अधिका दरवाजे-खिड़किया, तीन प्रवेश द्वार, मंत्रियों के लिए 29 कमरों की है व्यस्था, जानें विशेषताएं
By अनिल शर्मा | Published: May 28, 2023 03:34 PM2023-05-28T15:34:51+5:302023-05-28T15:38:29+5:30
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से निर्मित नए भवन कुल 862 करोड़ की लागत आई है। और इसे बनाने में 21 महीने का वक्त लगा है। नई संसद में तीन प्रवेश द्वार हैं और मंत्रियों के लिए 29 कमरा हैं।
प्रधानमंत्री ने रविवार दो चरणों में नई संसद का उद्घाटन किया। पहले चरण में पूजा-अर्चना के साथ राजदंड यानी सेंगोल की स्थापना की गई। वहीं दूसरे चरण में नई संसद के सदन में राष्ट्रगान के साथ ही 75 रुपए के विशेष सिक्के और डाक टिकट जारी किए गए। जानिए नए संसद भवन की क्या है विशेषताएंः
कार्यवाही को देखने के लिए जनता के लिए विशाल दर्शक दीर्घा की व्यवस्था। विशाल मल्टीमीडिया डिस्प्ले लगाया गया है। यही नहीं नया स्मार्ट भवन पूरी तरह से पेपरलेस है। भवन के केंद्र में संविधान कक्ष बना है। जिसके जरिए अतीत की यात्रा कर सकते हैं। यहीं पर संविधान की डिजिटल प्रतिरुपी रखी गई हैं।
पीएम मोदी ने सदन में अपने संबोधन में कहा कि दोनों सदन में अशोक चक्र बना है। उत्तर प्रदेश की कालीन बिछी है। सफेद मार्बल गुजरात से आया है। सभी वर्गों और प्रांतों ने मिलकर बनाया है। 1700 से अधिका दरवाजे खिड़किया हैं। फर्नीचर मुंबई से लाया गया है। सागौन की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है जिसे नागपुर से लाया गया। पत्थर की नक्काशी उदयपुर, राजस्थान के कलाकारों ने की है। कार्पेट यूपी के मिर्जापुर भदोही से बनकर आया है।
बता दें कि लोकसभा का कक्ष पुराने कक्ष से दोगुना है। वहीं राज्यसभा कक्ष पुराने से डेढ़ गुना बड़ा है। राज्यसभा जहां राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर बनाया गया है वहीं लोकसभा राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर निर्मित हुआ है। लोकसभा में 888 सीट हैं वहीं राज्यसभा में 348 सीटों की व्यवस्था है। संयुक्त सत्र के लिए लोकसभा हॉल में 1,272 सदस्य बैठ सकते हैं।
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से निर्मित नए भवन कुल 862 करोड़ की लागत आई है। और इसे बनाने में 21 महीने का वक्त लगा है। नई संसद में तीन प्रवेश द्वार हैं और मंत्रियों के लिए 29 कमरा हैं। एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक लाइब्रेरी, कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के कमरे, बड़े पार्किंग एरिया के साथ-साथ वाआईपी लाउंज की भी व्यवस्था की गई है।
इस पूरे प्रोजेक्ट का निर्माण क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। मौजूदा संसद भवन से नई संसद का क्षेत्रफल 17,000 वर्ग मीटर अधिक है। गौरतलब है कि पुराने संसद भवन को ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने 'काउसिंल हाउस' के रूप में डिजाइन किया था। इसे बनाने में छह साल(1921-1927) लगे थे। उस वक्त इस भवन में ब्रिटिश सरकार की विधान परिषद काम करती थी।