राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बचा लिए करोड़ों रुपये, वरना होता बोफोर्स जैसा हश्र?

By आदित्य द्विवेदी | Published: December 15, 2018 03:20 PM2018-12-15T15:20:09+5:302018-12-15T15:20:09+5:30

दशकों तक बोफोर्स मामले की जांच चलती रही और सीबीआई की विशेष अदालत ने यह कहते हुए इस केस को बंद करने का फैसला किया कि इस मामले की जांच में पहले ही 250 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

The judgment of the Supreme Court on the Rafael deal has saved hundreds of millions of rupees, or else the fate like Bofors? | राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बचा लिए करोड़ों रुपये, वरना होता बोफोर्स जैसा हश्र?

राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बचा लिए करोड़ों रुपये, वरना होता बोफोर्स जैसा हश्र?

सुप्रीम कोर्ट ने राफेल विमान सौदे पर जांच की मांग कर रही याचिकाओं को खारिज कर दिया। शुक्रवार को एक फैसले में कोर्ट ने कहा कि हमें फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता है। कोर्ट ने कहा कि सरकार की बुद्धिमत्ता पर जजमेंट लेकर नहीं बैठ सकते। इसके अलावा ऑफसेट पार्टनर चुनने के लिए पक्षपात करने के लिए सबूत का अभाव बताया है। सुप्रीम कोर्ट के इस त्वरित फैसले ने जांच में इस्तेमाल होने वाले करोड़ों रुपये खर्च होने की संभावना को कम कर दिया है। उल्लेखनीय है कि बोफोर्स घोटाले में करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद कुछ ठोस आधार ना मिलने पर केस को बंद करना पड़ा था।

क्या है बोफोर्स घोटाला?

32 साल पहले भारत और स्वीडन की आर्म कंपनी एबी बोफोर्स के बीच 1,437 करोड़ रुपये की रक्षा डील हुई थी। इसके तहत 400 155एमएम होविट्जर बंदूकों को भारतीय सेना में शामिल किया जाना था। लेकिन एक साल बाद ही (1987 में) स्वीडिश रेडियो ने दावा किया कि इस रक्षा सौदे के लिए भारतीय नेताओं और रक्षा अधिकारियों को 67 करोड़ रुपये की घूस दी गई है।

जांच में 250 करोड़ खर्च का दावा

इस आरोप के बाद भारतीय राजनीति में कोहराम मच गया। माना जाता है कि 1989 के लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी की हार का प्रमुख कारण बोफोर्स घोटाला ही बना। दशकों तक इसकी जांच चलती रही और सीबीआई की विशेष अदालत ने यह कहते हुए इस केस को बंद करने का फैसला किया कि इस मामले की जांच में पहले ही 250 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

... और अब राफेल सौदे पर आरोप

 केंद्र की मोदी सरकार ने फ्रांस की दसॉ एविएशन से राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा किया है। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि इस सौदे में ज्यादा कीमत अदा की गई है और उद्योगपति अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है। चार याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की जांच और सौदे को रद्द किए जाने की गुहार लगाई थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के.एम. जोसेफ की पीठ ने इस मामले में दायर याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई पूरी की थी। शुक्रवार (14 दिसंबर) के फैसले में कोर्ट ने अपनी सीमाओं का जिक्र करते हुए जांच कराने से इनकार कर दिया।

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