आईएनएस ने केरल सरकार से अध्यादेश वापस लेने और प्रेस की आजादी बहाल करने की मांग की
By भाषा | Published: November 24, 2020 06:07 PM2020-11-24T18:07:15+5:302020-11-24T18:07:15+5:30
नयी दिल्ली, 24 नवंबर इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने केरल सरकार द्वारा पुलिस अधिनियम में विवादास्पद संशोधन करके अध्यादेश लाने का मंगलवार को कड़ा विरोध किया और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से उसे वापस लेने एवं प्रेस की आजादी ‘बहाल’ करने अपील की।
एक बयान में इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी के अध्यक्ष एल आदिमूलम ने आईएनएस सदस्यों की ओर से केरल सरकार द्वारा जारी अध्यादेश पर ‘निराशा एवं स्तब्धता’ प्रकट की। केरल सरकार ने मानहानिकारक समझी जाने वाली सामग्री के प्रकाशन को लेकर कठोर दंड के वास्ते पुलिस अधिनियम में संशोधन किया है।
आईएनएस का कड़ा बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही केरल की माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार ने विभिन्न वर्गों की आलोचना के मद्देनजर इस संशोधन के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।
आईएनएस अध्यक्ष ने कहा कि समाचार पत्रों का संगठन इस ‘सख्त अध्यादेश’ को जारी किये जाने का कड़ा विरोध करता है, जो संविधान प्रदत्त प्रेस की आजादी का इस्तेमाल करने पर केरल में प्रिंट , इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया को परेशान करने एवं उन पर मुकदमा चलाने की पुलिस और राज्य सरकार को निरंकुश शक्तियां प्रदान करेगा।
आईएनएस ने मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों से ‘जल्दबाजी में लाये गये इस कानून’ को वापस लेने की अपील की, जिसका मीडिया के खबरों को प्रकाशित करने के अधिकार पर गंभीर और घातक असर होगा।
सोमवार को माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने नयी दिल्ली में कहा था कि सोशल मीडिया पर मानहानिकारक पोस्ट करने वालों को पांच साल तक की कैद के प्रावधान वाले इस संशोधन पर पुनर्विचार किया जाएगा। उसके कुछ ही घंटे बाद विजयन ने कहा कि उसनकी सरकार का इसे लागू करने का इरादा नहीं है।
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