"मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति बालस्वरूप जैसी नहीं लग रही है", दिग्विजय सिंह ने खड़ा किया नया विवाद

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 19, 2024 12:07 PM2024-01-19T12:07:00+5:302024-01-19T12:10:14+5:30

दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में आयोजित हो रहे राम मंदिर के "प्राण प्रतिष्ठा" समारोह से पहले यह कहकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया कि मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति किसी बच्चे की तरह नहीं दिखती है।

"The idol of Ramlala present in the temple does not look like a child", Digvijay Singh created a new controversy | "मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति बालस्वरूप जैसी नहीं लग रही है", दिग्विजय सिंह ने खड़ा किया नया विवाद

फाइल फोटो

Highlightsकांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंदिर समारोह से पहले खड़ा किया नया विवादउन्होंने कहा कि मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति बालस्वरूप में नहीं दिख रही हैजिस रामलला की मूर्ति को लेकर विवाद हुआ और उसे तोड़ दिया गया, वह कहां है?

भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में आयोजित हो रहे राम मंदिर के "प्राण प्रतिष्ठा" समारोह से पहले यह कहकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया कि मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति किसी बच्चे की तरह नहीं दिखती है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, "मैं शुरू से कहता आ रहा हूं कि जिस रामलला की मूर्ति को लेकर विवाद हुआ और उसे तोड़ दिया गया, वह कहां है? दूसरी मूर्ति की क्या जरूरत थी? हमारे गुरु दिवंगत शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने भी सुझाव दिया था कि भगवान राम की जो मूर्ति स्थापित की जाए वह एक बच्चे के रूप में होना चाहिए और माता कौशल्या की गोद में होना चाहिए। लेकिन मंदिर में जो मूर्ति बैठाई जा रही है वह बच्चे की तरह नहीं दिखाई दे रही है।"

विशेष रूप से 22 जनवरी को अयोध्याराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले भगवान राम की मूर्ति को गुरुवार को अयोध्या में मंदिर के गर्भगृह के अंदर रखा गया था। घूंघट से ढकी हुई मूर्ति की पहली तस्वीर गुरुवार को गर्भगृह में स्थापना समारोह के दौरान सामने आई थी।

'राम लला' की मूर्ति की नक्काशी कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने की है। रामलला की यह मूर्ति 51 इंच लंबी है और इसका वजन 1.5 टन है। मूर्ति में भगवान राम को पांच साल के बच्चे के रूप में चित्रित किया गया है, जो उसी पत्थर से बने कमल पर खड़ा है।

इस बीच 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह की तैयारी के लिए गुरुवार को अयोध्या शहर को जीवंत फूलों से सजाया गया है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को अयोध्या में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'प्राण प्रतिष्ठा' के उपलक्ष्य में अनुष्ठान करेंगे।

इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस बाबरी मस्जिद को गिराना चाहते थे, मंदिर नहीं बनाना चाहते थे क्योंकि जब तक मस्जिद नहीं ढहती तब तक यह मुद्दा सांप्रदायिक मुद्दा नहीं बनता।

दिग्विजय सिंह ने एक्स पर किये एक पोस्ट में कहा था कि कांग्रेस ने कभी भी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विरोध नहीं किया बल्कि अदालत के फैसले तक इंतजार करने को कहा।

उन्होंने कहा था, "कांग्रेस ने कभी भी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विरोध नहीं किया। केवल विवादित भूमि पर निर्माण के लिए अदालत के फैसले तक इंतजार करने के लिए कहा गया था। गैर-विवादित भूमि पर 'भूमि पूजन' भी राजीव गांधी के समय में किया गया था। नरसिम्हा राव ने राम मंदिर के निर्माण के लिए गैर-विवादित भूमि का अधिग्रहण किया था।"

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, "लेकिन बीजेपी, वीएचपी और आरएसएस मस्जिद गिराना चाहते थे और मंदिर नहीं बनाना चाहते थे क्योंकि जब तक मस्जिद नहीं टूटेगी तब तक मुद्दा हिंदू-मुस्लिम नहीं बनता। विनाश उनके आचरण और चरित्र में है। वो अशांति फैलाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं।"

Web Title: "The idol of Ramlala present in the temple does not look like a child", Digvijay Singh created a new controversy

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे