तीसरे चरण के परीक्षण के तहत गुजरात में 750 से अधिक स्वयंसेवकों को 'कोवैक्सिन' की पहली खुराक दी गई
By भाषा | Updated: December 27, 2020 16:23 IST2020-12-27T16:23:04+5:302020-12-27T16:23:04+5:30

तीसरे चरण के परीक्षण के तहत गुजरात में 750 से अधिक स्वयंसेवकों को 'कोवैक्सिन' की पहली खुराक दी गई
अहमदाबाद, 27 दिसंबर भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके 'कोवैक्सिन' के तीसरे चरण के परीक्षण के तहत 750 से अधिक स्वयंसेवियों को अहमदाबाद के एक अस्पताल में इसकी पहली खुराक दी गई है और उनमें से किसी पर भी अब तक इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखा है। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने रविवार को यह जानकारी दी।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के सहयोग से भारत बायोटेक टीका विकसित कर रहा है।
यहां के सोला सिविल अस्पताल में टीके के तीसरे चरण के परीक्षण किए जा रहे हैं।
अस्पताल के टीबी और छाती रोग विभाग के प्रमुख डॉ. किरण रामी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘25 नवंबर से इसके चरण-3 के परीक्षण शुरू होने के बाद से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पराचिकित्सक जैसे लगभग 50 स्वास्थ्य कर्मियों सहित 750 से अधिक स्वयंसेवियों को कोवैक्सिन की पहली खुराक दी जा चुकी है। किसी भी स्वयंसेवक ने अब तक किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव का अनुभव नहीं किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस महीने के अंत तक कुल 1,000 लोगों को टीका लगाया जाएगा। हम उन स्वयंसेवकों को दूसरी खुराक देने लगे है, जिन्होंने पहली खुराक के 28 दिन पूरे कर लिए हैं। हमने अब तक 15 लोगों को दूसरी खुराक दी है।’’
डॉ. रामी ने कहा कि जिन्होंने 28 दिन पूरे कर लिए हैं, उन्हें दूसरी खुराक के लिए अस्पताल बुलाया जा रहा है। लोगों को उनके कार्यक्रम के विवरण के साथ एक डायरी भी दी गई है।
उन्होंने कहा कि अनिवार्य आरटी-पीसीआर जांच होने के बाद टीके की पहली खुराक दी जाती है। हालांकि, दूसरी खुराक के लिए ऐसी किसी जांच की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन स्वयंसेवियों को अगले दस महीने तक हर महीने आरटी-पीसीआर जांच कराना होगा।
उल्लेखनीय है कि भारत बायोटेक को भारत भर में 25 से अधिक केंद्रों में 26,000 प्रतिभागियों पर चरण-3 के परीक्षण करने की मंजूरी मिली है।
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