नई दिल्ली, 13 जुलाई: नवंबर और दिसंबर में दिल्ली में वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है। इसे देखते हुए पर्यावरण मंत्रालय वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई उपाय कर रहा है जिनमें बसों के ऊपर फिल्टर लगाना , धूल को अलग करने वाले रसायन का छिड़काव करना और पार्टिकुलेट मैर्ट्स (पीएम) को सोखने वाला उपकरण लगाना शामिल है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) को इस महीने के अंत तक अंतिम रूप देकर राज्यों को भेजा जा सकता है ताकि वे वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए योजना बना सकें।
पर्यावरण मंत्रालय ने प्रारूप एनसीएपी तैयार किया है जिसका मकसद वायु प्रदूषण की रोकथाम , नियंत्रण और इसमें कमी लाने के लिए एक व्यापक योजना लाना है और पूरे देश में वायु गुणवत्ता के लिए निगरानी नेटवर्क को बढ़ाना है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए वह तीन पायलट परियोजनाएं शुरू करेगा जिनमें बसों के ऊपर फिल्टर लगाना , धूल को अलग करने वाले रसायन का छिड़काव करना और पीएम को सोखने वाला उपकरण लगाना शामिल है। अधिकारी ने बताया , ‘‘ पर्यावरण मंत्रालय ये परियोजनाएं दिल्ली सरकार के सहयोग के साथ शुरू करेगा। ’’
उन्होंने बताया 2017 में जनवरी - जून की अवधि में दिल्ली में 56 दिनों के दौरान अच्छी वायु गुणवत्ता रही जबकि इस साल राष्ट्रीय राजधानी में 65 ऐसे दिन रहे। अच्छी वायु गुणवत्ता के दिनों में बढ़ोतरी हुई है लेकिन इनमें महत्वपूर्ण इजाफा नहीं हुआ है।