न्यायाधीश अकील कुरैशी पर गतिरोध खत्म, केंद्र सरकार ने त्रिपुरा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने को मंजूरी दी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 8, 2019 01:58 PM2019-11-08T13:58:16+5:302019-11-08T13:58:16+5:30
सरकारी सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि सरकार ने नियुक्ति संबंधित फाइल को मंजूरी दे दी है और अब यह हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास लंबित है। उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने इससे पहले उन्हें मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अकील कुरैशी को त्रिपुरा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने पर बने गतिरोध को सरकार ने खत्म कर दिया है और समझा जाता है कि उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है।
सरकारी सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि सरकार ने नियुक्ति संबंधित फाइल को मंजूरी दे दी है और अब यह हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास लंबित है। उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने इससे पहले उन्हें मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
सरकार की ओर से आपत्ति व्यक्त किये जाने के बाद, कॉलेजियम ने अपनी सिफारिशों में संशोधन करते हुए उनका नाम त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद के लिए प्रस्तावित किया था। गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन (जीएचसीएए) ने कुछ महीने पहले शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि केंद्र न्यायमूर्ति कुरैशी की नियुक्ति में देरी कर रहा है।
Central Government clears Supreme Court Collegium’s decision of elevation of Justice Akil Kureshi as Chief Justice of Tripura High Court.
— ANI (@ANI) November 8, 2019
कॉलेजियम ने इस साल 10 मई को कुरैशी को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की अनुशंसा की थी। याचिका में दावा किया गया था कि केंद्र ने न्यायमूर्ति कुरैशी की नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी और सात जून को न्यायमूर्ति रविशंकर झा को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किये जाने की अधिसूचना जारी कर दी। याचिका में कहा गया कि यह तय प्रक्रिया का और संविधान के अनुच्छेद 14 तथा 217 का उल्लंघन है।