न्यायालय ने कोविड-19 के आंकड़ों की दुबारा जाच के तरीके के बारे में दिल्ली सरकार से मांगी जानकारी

By भाषा | Published: December 3, 2020 09:29 PM2020-12-03T21:29:14+5:302020-12-03T21:29:14+5:30

The court sought information from the Delhi government about the method of rechecking the data of Kovid-19. | न्यायालय ने कोविड-19 के आंकड़ों की दुबारा जाच के तरीके के बारे में दिल्ली सरकार से मांगी जानकारी

न्यायालय ने कोविड-19 के आंकड़ों की दुबारा जाच के तरीके के बारे में दिल्ली सरकार से मांगी जानकारी

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या उसके पास कोविड-19 के आंकड़ों के सत्यापन की कोई व्यवस्था है। न्यायालय ने यह सवाल उस समय किया जब दिल्ली सरकार ने कहा कि ताजा आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या में कमी आई है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ से दिल्ली सरकार ने कहा कि उसने कोविड-19 की स्थिति से निबटने के लिये पूरी ईमानदारी से कदम उठाये हैं और आईसीयू में बेड की उपलब्धता, कोविड जांच, इस संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले व्यक्तियों के अंतिम संस्कार और अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा के उपायों की ‘सर्वोच्च स्तर’ पर निगरानी की जा रही है।

दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने जब जांच की संख्या, इससे संक्रमितों और ठीक होने वालों के ताजा आंकड़ों का जिक्र किया तो पीठ ने पूछा, ‘‘ये जो आंकड़े आप दे रहे हैं, क्या इनकी दुबारा जांच का भी कोई तरीका है?’’

शीर्ष अदालत अस्पतालों में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के समुचित इलाज और शवों को गरिमामय तरीके से उठाने के बारे में स्वत: संज्ञान लिये गये मामले की सुनवाई कर रही थी।

दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के वी विश्वनाथन ने कहा कि इस काम के लिये मनोनीत जांच एजेनसियां हैं जो ये आंकड़े उपलब्ध करा रही हैं।

इस पर पीठ ने सवाल किया, ‘‘रोजाना सामने आ रहे आंकड़ों के सत्यापन का क्या तरीका है?’’ विश्वनाथन ने कहा कि वह इस बारे में निर्देश प्राप्त करके न्यायालय को वस्तुस्थिति से अवगत करायेंगे।

दिल्ली सरकार द्वारा हाल ही में दाखिल हलफनामे का जिक्र करते हुय विश्वनाथन ने कहा कि राजधानी में आईसीयू बिस्तरों की संख्या अब 5010 हो गयी है जबकि जांच भी बढ़ी है।

इस पर पीठ ने कहा, ‘‘आपको जमीनी हालात देखने होंगे कि क्या ये सकारात्मक हैं।

इस मामले में बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान विश्वनाथन ने कहा कि यह आरोप प्रत्यारोप का समय नहीं है।

केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘‘यह आरोप नही है। हम गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं और हमें संयुक्त रूप से इसका सामना करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक राज्य में कमियां हैं। मैं समझ नहीं पा रहा कि वे इसे आरोप के रूप में क्यों देख रहे हैं।’’

विश्वनाथन ने कहा कि हम एकजुट होकर इसका मुकाबला करेंगें।

पीठ ने इसके बाद इस मामले को आगे सुनवाई के लिये नौ दिसंबर को सूचीबद्ध कर दिया।

इससे पहले 27 नवंबर को केन्द सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिये दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि “बार-बार कहने” के बावजूद उसने जांच क्षमता, विशेष तौर पर आरटी-पीसीआर जांच, बढ़ाने के लिये कदम नहीं उठाए और काफी समय से प्रतिदिन 20,000 के करीब आरटी-पीसीआर जांच ही हो रही थी।

केंद्र ने कहा था कि दिल्ली सरकार को ठंड, त्योहारी सीजन और प्रदूषण के दौरान मामलों में बढ़ोतरी की पूरी जानकारी थी और इसके बावजूद लोगों को पर्याप्त रूप से जागरूक करने के लिए उपायों को समय से अमल में नही लाया गया।

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Web Title: The court sought information from the Delhi government about the method of rechecking the data of Kovid-19.

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