जयललिता के बंगले को स्मारक बनाना चाहते हैं मत्री, अदालत ने उठाए सवाल
By भाषा | Published: July 9, 2019 06:39 AM2019-07-09T06:39:29+5:302019-07-09T06:39:29+5:30
न्यायमूर्ति एन किरुबाकरन ने पूछा, "जब मंत्री आते-जाते अपने नेता का नाम जपते रहते हैं तो जनता के पैसे से स्मारक बनाने की क्या जरूरत है।"
मद्रास उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता के आवास 'वेदा निलयम' को स्मारक बनाने की आवश्यकता पर सोमवार को सवाल उठाए और पूछा कि क्या उनके कोडानाडु एस्टेट स्थित आवास के लिये भी ऐसा ही निर्णय किया जाएगा।
न्यायमूर्ति एन किरुबाकरन ने पूछा, "जब मंत्री आते-जाते अपने नेता का नाम जपते रहते हैं तो जनता के पैसे से स्मारक बनाने की क्या जरूरत है।" न्यायमूर्ति एन किरुबाकरन और न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दूस की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की।
याचिका में जयललिता की 913 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के लिये प्रशासक नियुक्त करने की मांग की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के संबंधी दीपा और दीपक ने चेन्नई के पॉयस गार्डन स्थित बंगले 'वेद निलयम' को स्मारक में तब्दील करने के खिलाफ याचिकाएं दायर की थीं।
उन्होंने दावा किया कि सरकार द्वारा निर्धारित संपत्ति का मूल्य लगभग 100 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य से कम है। तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक सरकार ने बंगले को स्मारक में तब्दील करने की घोषणा की थी।