ब्लैक फंगस के उपचार की दवा की मांग और आपूर्ति में अंतर को लेकर अदालत ने चिंता जतायी
By भाषा | Updated: May 24, 2021 19:02 IST2021-05-24T19:02:29+5:302021-05-24T19:02:29+5:30

ब्लैक फंगस के उपचार की दवा की मांग और आपूर्ति में अंतर को लेकर अदालत ने चिंता जतायी
नयी दिल्ली, 24 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि ब्लैक फंगस (काला कवक)के उपचार के लिए उपयोग में आने वाली दवा 'एम्फोटेरिसिन-बी' की मांग और आपूर्ति में अंतर इतना अधिक है कि कुछ ठोस कदमों की जरूरत है।
ब्लैक फंगस कोविड-19 से उबर चुके मरीजों को अधिक प्रभावित कर रहा है।
कोविड-19 महामारी से संबंधित मुद्दों पर छह घंटे तक सुनवाई करने वाली न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि दवा की मांग और आपूर्ति में एक तिहाई से अधिक का अंतर है, जिसको ठीक करने के लिए तेजी से कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
केंद्र ने अदालत को मई और जून में दवा की खेप की संभावित आपूर्ति, आयात में तेजी और उत्पादन में इजाफे का संकेत दिया।
अदालत ने केंद्र को सभी संबंधित विवरण के साथ स्थिति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 27 मई के लिए सूचीबद्ध की।
दिल्ली सरकार के वकील ने पीठ को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में 21 मई को ब्लैक फंगस के करीब 200 मामले थे जोकि सोमवार को बढ़कर 475 तक पहुंच गए।
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